आज माघ मास की मौनी अमावस्या है. आज के दिन पितरों को याद कर उनके नाम पर स्नान, दान किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन मौन व्रत रखने से वाक् सिद्धि की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त 10 फरवरी की रात 01 बजकर 10 मिनट से 11 फरवरी की रात 12 बजकर 27 मिनट तक है. इस दिन जहां जप-तप को बहुत शुभ माना गया है वहीं कुछ विशेष काम करने पर मनाही भी होती है. आइए जानते हैं इनके बारे में.
आज के दिन देर तक सोते ना रहें. अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने की परंपरा है. अगर आप किसी पवित्र नदी में स्नान नहीं कर पाएं है तो घर पर जरूर स्नान कर लें. स्नान करने के बाद सूर्य अर्घ्य देना नहीं भूलें. स्नान से पहले तक कुछ बोले नहीं, मौन रहें. अमावस्या पर श्मशान घाट या कब्रिस्तान में या उसके आस-पास नहीं घूमना चाहिए. अमावस्या की रात सबसे घनी काली रात होती है और माना जाता है कि इस समय बुरी आत्माएं या शक्तियां बहुत सक्रिय हो जाती है. इसलिए अमावस्या की रात को किसी सूनसान जगह पर नहीं जाना चाहिए.
अमावस्या पर संयम बरतना चाहिए. इस दिन पुरुष और स्त्री को यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए. गरुण पुराण के अनुसार, अमावस्या पर यौन संबंध बनाने से पैदा होने वाली संतान को आजीवन सुख नहीं मिलता है. अमावस्या के दिन घर में शांति का माहौल होना चाहिए. आज के दिन जिस घर में कलह का माहौल होता है वहां पितरों की कृपा नहीं होती है. आज के दिन लड़ाई-झगड़े और वाद-विवाद से बचना चाहिए. इस दिन कड़वे वचन तो बिल्कुल नहीं बोलने चाहिए.
अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं लेकिन शनिवार के अलावा अन्य दिन पीपल का स्पर्श नहीं करना चाहिए इसलिए पूजा करें लेकिन पीपल के वृक्ष का स्पर्श ना करें. इससे धन की हानि होती है. इस दिन बिस्तर पर नहीं बल्कि चटाई पर सोना चाहिए. अमावस्या के दिन शरीर में तेल लगाना मना होता है. अगर आप मौनी अमावस्या का व्रत हैं तो फिर आज के दिन किसी प्रकार का श्रृंगार ना करें. इस दिन शराब, मांस के सेवन इत्यादि से दूर रहें और सादा भोजन करें. ज्यादा से ज्यादा समय तक मौन रहकर ध्यान लगाएं. मौनी अमावस्या के दिन पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है.