वाराणसी के घाटों पर मौनी अमावस्या के अवसर पर पावन गंगा मे श्रद्धालु डुबकी लगा रहे हैं। मौनी अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। इस बार मौनी आज मनाई जा रही है। पौराणिक शास्त्रों के मुताबिक माघ महीने की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन मौन व्रत रखने और मुख से कटु शब्द न निकलने से मुनि पद की प्राप्ति होती है। पवित्र नदी में डुबकी लगाने से जीवन सफल हो जाता है।
मौनी अमावस्या पर ऐतिहासिक स्नान की परंपरा चली आ रही है। मौनी अमावस्या पर नगर में मेला भी लगता है। नगर पंचायत की तरफ से मौनी अमावस्या को लेकर रामघाट पर नदी में बेरिकेडिंग की गई है। पांच नाव, नाविक, प्रकाश व्यवस्था, चार गोताखोर आदि की व्यवस्था की गई है। चैयरमैन वेदाना सोनकर ने बताया कि आसपास क्षेत्रों व दूर दराज से आने वाले स्नानार्थियों के लिए समुचित व्यवस्था की गई है महिलाओं के लिए स्नान के बाद अस्थायी चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था की गई है।
इस संबंध में मुहम्मदाबादगोहना कस्बा निवासी पं. विरेंद्र शुक्ल ने बताया कि मौनी अमावस्या के दिन सुबह से मौन व्रत रखा जाता है। ध्यान चिंतन आदि करना चाहिए। समौनी अमावस्या का अपना खास महत्व है। मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी तट परदेवताओं का वास रहता है। नदी में स्नान करना ज्यादा फलदायी होता है। ग्रहों का दुर्लभ संयोग बनने के कारण इसका महत्व कई गुणा बढ़ गया है।