वैसे तो हमें सामान्य दिनों में भी स्वस्थ और संतुलित भोजन (Balanced Diet) का ही सेवन करना चाहिए लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान इस बात का ख्याल रखना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है. जब कोई महिला गर्भवती होती है तो सेहत के साथ-साथ उसे अपनी डाइट का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए ताकि गर्भ में पल रहे भ्रूण (Fetus) को स्वस्थ तरीके से विकसित होने के सभी जरूरी पोषक तत्व (Nutrients) मिल सकें. अगर भ्रूण का विकास सही तरीके से न हो तो प्रेगनेंसी में कई तरह की जटिलताएं आ सकती हैं.
प्रेगनेंसी में विटामिन-मिनरल का करें सेवन
गर्भवती महिला से अक्सर कहा जाता है कि उसे दो लोगों के लिए भोजन करना चाहिए. गर्भ में बढ़ते बच्चे के लिए प्रेगनेंट महिला को अपने विटामिन्स और मिनरल्स (Vitamin and Mineral intake) के इनटेक में भी बढ़ोतरी करनी चाहिए और ताजे फल इन जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. जरूरी विटामिन्स के साथ ही डाइट्री फाइबर, फोलिक एसिड, पोटैशियम आदि पोषक तत्व भी फलों में पाए जाते हैं जो प्रेगनेंसी के दौरान शरीर के लिए जरूरी होते हैं. लेकिन कुछ फल ऐसे भी हैं जिनका सेवन गर्भवती महिला को भूल से भी नहीं करना चाहिए वरना ब्लीडिंग (Bleeding) शुरू हो सकती है और गंभीर मामलों में मिसकैरेज (Miscarriage) का भी खतरा हो सकता है.
प्रेगनेंसी में कौन से फल न खाएं
1. पपीता- गर्भवती महिला को पपीता (Papaya) खाने से मनाया किया जाता है खासकर कच्चा या सही तरीके से न पका हुआ पपीता. इसका कारण ये है कि पपीते में लेटेक्स (Latex) होता है जो गर्भाशय में संकुचन को बढ़ाता है जो गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. हालांकि अगर पपीता पूरी तरह से पका हुआ है तो उसे खाने में कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन उसे किस तरह से पकाया गया है इसकी जानकारी अगर न हो तो बेहतर यही होगा कि आप पपीता न खाएं.
2. अनानास- गर्भवती महिलाओं को अनानास (Pineapple) भी न खाने का सुझाव दिया जाता है क्योंकि इस फल में कुछ ऐसे एन्जाइम्स पाए जाते हैं जो सर्विक्स (Cervix) के टेक्सचर में बदलाव कर देते हैं जिससे समय से पहले ही संकुचन (Premature Contractions) शुरू हो जाता है. इस वजह से मिसकैरेज का खतरा रहता है. इसके अलावा गर्भावस्था में अनानास खाने से डायरिया (Diarrhea) भी हो सकता है.
3. अंगूर- वैसे तो अंगूर (Grapes) में ऐसा कोई कम्पाउंड न