गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रेक्टर परेड के दौरान कई किसान ट्रैक्टर लेकर लाल किले तक घुस आए थे और पुलिस उन्हें रोकने में नाकामयाब रही. इसके बाद काफी हिंसा भी हुई. इसमें दिल्ली पुलिस के 394 जवान जख्मी हो गए थे. अब दिल्ली में किसान आंदोलन के चलते कोई हिंसा न हो और किसान राजधानी दिल्ली में न घुस पाएं, इसके लिए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के गाजीपुर, सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं.
दिल्ली-हरियाणा के टिकरी बॉर्डर पर करीब 12 लेयर की सुरक्षा की गई है. जिसमें किसानों के मंच के ठीक बाद बेरिकेड लगाया है. इसके ऊपर कंटीले तार लगाए गए हैं. इसके बाद फिर इसी तरह की लेयर बनाई गई है. ट्रैक्टर इन दीवारों को ना तोड़ पाए इसके लिए दो बैरिकेडिंग के बाद बड़े-बड़े पत्थरों को खड़ा कर सीमेंट की चौड़ी दीवार बनाई गई है. दीवार की ऊंचाई करीब 6 फिट है. इसके बाद फिर पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान तैनात किए गए हैं.
चार पहरों की कड़ी सुरक्षा के बाद सड़क को खोदकर सीमेंट के साथ नुकीले कील फिट किए गए हैं. कील करीब पांच-छह इंच लंबे और नुकीले हैं. किसानों के ट्रेक्टरों को रोकने की कोशिश के चलते ये कीलें लगाई गई है. ट्रेक्टर अगर इन नुकीले कीलों को पार करने की कोशिश करेंगे तो ट्रैक्टर के टायर फट जाएंगे.
JCB से भी रोकने की कोशिश
जानकारी के मुताबिक सड़क में नुकीले कीलों के जाल के बाद फिर एक और सड़क खोद कर कील बिछाने का काम चल रहा है. इसके बाद फिर बड़े-बड़े पत्थर के बेरिकेड लगाए गए है जिन्हें ट्रेक्टर ना हटा पाए. इतने पहरों के बाद फिर फोर्स खड़ी हैं. बैरिकेडिंग, सीमेंट की दीवार, नुकीले कील और जवानों के घेरे के बाद रास्ते में जे.सी.बी को भी खड़ा किया गया है. किसानों के ट्रेक्टर आगे ना बढ़ पाएं इसके लिए बड़े-बड़े कंटेनर भी सड़क के बीच में रखे गए हैं.
700 मीटर के रास्ते पर कड़ा पहरा
इस पहरे के बाद फिर दिल्ली पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स को खड़ा किया गया है. जवानों के इस घेरे के ठीक बाद फिर बड़े-बड़े पत्थर लगाए गए हैं. पत्थरों के बाद बड़े-बड़े ट्रकों की चेचिस को आड़ा तिरछा खड़ा किया गया है. इसके बाद फिर पुलिस की गाड़ियों, जे.सी.बी और क्रेन खड़े किए गए हैं. और आखिर में वॉर्डर की तरफ जाने वाले रास्ते को आम जनता के लिए बंद किया गया है. इस तरह से टिकरी बॉर्डर पर करीब 700 मीटर के रास्ते को बंद किया गया है. यहां सिर्फ फोर्स और सुरक्षा के इंतजाम हैं ताकि किसान और उनके ट्रेक्टर बिल्कुल भी दिल्ली की सीमा में न घुस पाए.