आईटीबीपी के जवानों ने लद्दाख में ऊंचाई वाले बॉर्डर आउटपोस्ट पर 72वें गणतंत्र दिवस के मौक पर जश्न मनाया. इस मौके पर आइटीबीपी के जवान बर्फ पर राष्ट्र्रीय ध्वज के साथ मार्च करते हुए नजर आए. हालही में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच जारी गतिरोध के बीच सिक्किम से दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प की खबर सामने आई थी. जानकारी के मुताबिक हाल ही में चीन के सैनिकों ने गश्त के दौरान भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश की थी. चीनी सैनिकों की इस हरकत का जवाब देते हुए भारतीय सैनिकों ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच धक्का-मुक्की झड़प में बदल गई. हालांकि भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को पीछे खदेड़ दिया.
जानकारी के मुताबिक इस झड़प में चीन के 20 सैनिकों के घायल होने की खबर है. हालांकि झड़प के दौरान किसी भी तरह के हथियार का इस्तेमाल नहीं हुआ था, लेकिन चीनी सैनिकों को सफलतापूर्वक पीछे खदेड़ने में धक्का-मुक्की से कुछ भारतीय सैनिकों को भी चोंट आने की सूचना है.
भारत-चीन की सेनाओं के बीच 9वें दौर की बातचीत
करीब ढाई महीने के अंतराल के बाद भारत (India) और चीन (China) की सेनाओं (Armies) ने रविवार को कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की बातचीत की थी . इसका उद्देश्य पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ना था. सूत्रों ने बताया कि उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की ओर स्थित माल्डो सीमावर्ती क्षेत्र में सुबह 10:00 बजे शुरू हुई, जो रात के 9:00 बजे तक चली. इससे पहले, 6 नवंबर को हुई 8वें दौर की बातचीत में दोनों पक्षों ने टकराव वाले खास स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने पर व्यापक चर्चा की थी.
बातचीत में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे हैं. भारत लगातार यह कहता आ रहा है कि पर्वतीय क्षेत्र में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और तनाव को कम करने की जिम्मेदारी चीन की है. कोर कमांडर स्तर की 7वें दौर की वार्ता 12 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें चीन ने पेगोंग झील के दक्षिणी तट के आसपास सामरिक महत्व के अत्यधिक ऊंचे स्थानों से भारतीय सैनिकों को हटाने पर जोर दिया था. लेकिन भारत ने टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया एक ही समय पर शुरू करने की बात कही थी.
#WATCH Indo-Tibetan Border Police (ITBP) jawans marching with the national flag on a frozen water body in Ladakh on #RepublicDay
(Source: ITBP) pic.twitter.com/r2x8Iloq8C— ANI (@ANI) January 26, 2021
37 जवानों को वीरता पुरस्कार
लद्दाख और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के इलाकों में चीन के खिलाफ चल रहे ‘ऑपरेशन स्नो लेपर्ड’ के लिए 37 भारतीय सैनिकों को वीरता पुरस्कार (Mention in Despatches gallantry award) से सम्मानित किया जाएगा. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए अवॉर्ड सूची में स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के सेक्शन लीडर सेरिंग नोरबू सहित 37 भारतीय जवानों के नाम शामिल है.
चीन के साथ सैन्य गतिरोध के बाद पिछले साल सितंबर में भारतीय सेना ने LAC पर ऑपरेशन स्नो लेपर्ड शुरू किया था. LAC पर तीन महीने तक चीनी सैनिकों के पीछे हटने का इंतजार करने के बाद यह ऑपरेशन चलाया था. जिसके तहत LAC के पास रणनीतिक रूप से ऊंचे स्थानों पर नियंत्रण किया गया. भारत ने लद्दाख में इस ऑपरेशन के तहत कई जगहों पर अपनी स्थिति मजबूत की थी.
इसी के साथ गलवां घाटी में चीनी सेना के हमले के खिलाफ अपने सैनिकों का नेतृत्व करने वाल कर्नल बी. सितोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र दिया जाएगा. ये मरणोपरांत दूसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है. उनके साथ गलवां में हुई झड़प में शहीद हुए चार अन्य सैनिकों नायक सूबेदार नुदुराम सोरेन, नायक दीपक सिंह, सिपाह गुरतेज सिंह और हवलदार के. पलानी को वीर चक्र से सम्माानित किया जाएगा. मीडियम रेजिमेंट के हवलदार तेजिंदर को भी वीर च्रक से नवाजा जाएगा.