यूपी के बरेली में ‘लव जिहाद’ का पहला मामला दर्ज हुआ है। 5 दिन पहले ही पीडि़त परिवार की तरफ से मामला दर्ज कराने के बाद फरार चल रहे आरोपी उवैस को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। 28 नवंबर को बरेली के देवरनिया थाने में लव जिहाद का कानून बनने के बाद पहला केस दर्ज किया गया था, बुधवार को आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। आरोपी उवैस पर आरोप है कि एक हिन्दू लड़की को अपने प्यार में फंसाया, फिर उस पर धर्मांतरण का जोर बनाया। पिछले साल से ही ऐसा चल रहा था जिसकी वजह से लड़की के पिता ने लॉकडाउन में ही उसकी दूसरी शादी कर दी थी। मगर युवक लड़की की शादी हो जाने के बाद उसे जान से मारने की धमकी भी दे रहा था। परिवार की तरफ से उवैस के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन कानून के तहत केस दर्ज किया गया। जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
वहीं एक दूसरा केस लखनऊ से सामने आया है जहां पुलिस ने दोनों पक्षों को धर्म परिवर्तन को लेकर बने नए कानून के बारे समझाकर शादी रुकवा दी। बताया गया की सामाजिक संगठनों के शिकायत करने पर पुलिस ने ये कार्रवाई की। यह मामला लखनऊ के पारा इलाके का है, जहां बुधवार शाम को बगैर धर्म परिवर्तन के हिंदू युवती की शादी उसके मुस्लिम प्रेमी से कराई जा रही थी। इस शादी का कुछ लोगों ने विरोध किया और आपत्ति जताते हुए इसकी शिकायत पुलिस से कर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने ये शादी रुकवा दी। इस शादी की खास बात ये कि युवक और युवती के परिजनों ने आपसी सहमति से इस शादी को तय किया था, मगर पुलिस ने नए कानून का हवाला देते हुए दोनों को डीएम से धर्म परिवर्तन की इजाजत लेने को कह दिया।
बता दें विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन ने पिछले शनिवार को ही मंजूरी दे दी थी। इस कानून के तहत ‘लव जिहाद’ पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। केवल शादी के लिए यदि लड़की का धर्म बदला गया तो न सिर्फ ऐसी शादी अमान्य घोषित कर दी जाएगी, बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को 10 साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।