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बंगाल पॉलिटिक्स में ओवैसी की एंट्री से खौफ में दीदी, कभी-भी कट सकता है इनका पत्ता

अपनी बेबाक ज़बान से अपने विरोधियों को माकूल जवाब देने का दंभ भरने वाले ओवैसी अब बिहार की जीत से उत्साहित होकर बंगाल की ओर रूख करने पर अमादा हो चुके हैं। बिहार की पांच सीटों पर अपना सियासी दुर्ग स्थापित करने वाले ओवैसी अब अपने सियासी दायरे को बंगाल तक ले जाना चाहते हैं। लेकिन उनके इस बढ़ते दायरे को देख ममता दीदी के हाथ पांव फूल गए हैं। उनके चेहरे पर हैरत का भाव और दिल में खौफ का रूख साफ झलक रहा है। वजह साफ है, जिस नौका के सहारे औवेसी अपनी सियासी बिसात बिछाने् में मशगूल है…उसी नौका के सहारे ममता दीदी भी अपनी सियासी दुकान चला रही है। अब ऐसे में जब दोनों ही व्यापारी एक ही माल बेचेंगे तो दिक्कत तो होगी ही न।

जी हां…हम बात कर रहे हैं मुस्लिमों के सहारे अपनी सियासत चमकाने की। दोनों ही सियासी सूरमाओं का कुछ ऐसा ही सुरत-ए-हाल है। जहां एक तरफ ओवैसी मुस्लिमों का सहारा लेकर अपनी राजनीति चमकाते हैं तो वहीं ममता दीदी भी कुछ इसी तरह मुस्लिमों का सहारा लेकर अपनी सियासी दुकान चलाती हुई आई है। अब ऐसे में दीदी को इस बात डर सता रहा है कि  अगर बंगाल की सियासी सरजमीं पर ओवैसी की एंट्री हो गई तो फिर उनका पत्ता कटना तय है। जाहिर है कि बंगाल के मुस्लिम मतदाताओं का झुकाव ममता से ज्यादा ओवैसी की तरफ रहेगा तो फिर ऐसे में दीदी टैंशन तो जायज है।

दीदी अब बदल रही है
लेकिन..अब पिछले कुछ दिनों से दीदी के सियासी रूख में परिवर्तन का भाव साफ झलक रहा है। अब वे मुस्लिमों के प्रति सॉफ्ट होने के साथ-साथ हिंदुओं के प्रति भी उनका झुकाव साफ नजर आ रहा है, मगर दीदी अब ओवैसी की एंट्री के बाद अपने बदलते रूख से किस तरह हिंदू-मुस्लिम मतदाताओं के बीच तालमेल बैठा पाने में कामयाब रहती है। यह तो फिलहाल  आने वाला वक्त ही तय करेगा, मगर इससे पहले हम आपको बताते चले कि दीदी के इस दोहरे  मापदंड के चलते बीजेपी उन पर कई मौकों पर हमलावर हो चुकी है।

बंगाल के 100 मुस्लिम बहुल सीट
बता दें कि बंगाल में 294 विधानसभा  की सीट है, जिसमें से 100 सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं का दबदबा है। जनसंख्या के लिहाज से देखे तो बंगाल में 32 फीसद आबादी मुस्लिमों की है। 98 विधानसभा क्षेत्रों में 30 प्रतिशत से भी ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं। मुर्शिदाबाद जिले में करीब 66.3 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। इस क्षेत्र में अंतर्गत करीब 22 विधानसभा सीटें आती हैं। मालदा जिले में 12 विधानसभा सीटें आती हैं और यहां मुस्लिम आबादी 51.3 प्रतिशत है। उत्‍तर दिनाजपुर जिले में मुस्लिम आबादी 49.9 प्रतिशत है। इस रीजन में 9 विधानसभा सीटें आती हैं। बीरभूम में मुस्लिम आबादी 37.1 प्रतिशत है। इस क्षेत्र में 11 विधानसभा सीटें हैं। दक्षिण 24 परगना जिले में मुस्लिम आबादी 35.6 प्रतिशत है. इस क्षेत्र में 31 विधानसभा सीटें आती हैं। अब ऐसी स्थिति  में ओवैसी की एंट्री से दीदी के राजनीतिक बिसात पर क्या  असर पड़ता है। यह तो फिलहाल अब आने वाला वक्त ही तय करेगा।