छठ पर्व (Chhath festival 2020)… जिसकी बहार पूरे देशभर में है. इस खास त्योहार को मनाने के लिए बड़ा जप-तप करना पड़ता है. इस व्रत से कई तरह की मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. जिसके बारे में जान लेना आपके लिए भी बेहद जरूरी है. ये एक ऐसा व्रत है, जो सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. इस पर्व पर महिलाएं अपने सुहाग और संतान की कुशल कामना के लिए 36 घंटों का निर्जला उपवास करती हैं. छठ पूजा की शुरूआत चतुर्थी तिथि को नहाय खाय से शुरू होती है. इसके बाद सप्तमी को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद से ही व्रत खत्म हो जाता है.
छठ पूजा में लंबा सिंदूर लगाने का महत्व
कहते हैं कि, संतान के साथ ही छठ माता का उपवास पति की लंबी उम्र के लिए भी महिलाएं रखती है. यही कारण है कि, पूजा के दौरान महिलाओं के लिए अपने सुहाग का प्रतीक सिंदूर का काफी ज्यादा महत्व है. माना जाता है कि, इस पर्व पर महिलाएं अपने पति और संतान के लिए हर परिस्थिति से गुजरकर पूरी श्रद्धा के साथ व्रत का पालन करती हैं. बात करते हैं सिंदूर की, दरअसल हिंदू धर्म में सात फेरे लेने के बाद मांग में सिंदूर भरने को सौभाग्य का प्रतीक कहा जाता है. ऐसी ही कुछ मान्यता छठ पूजा से भी जुड़ी है. दरअसल इस दिन सभी महिलाएं पूजा करने के दौरान नाक से लेकर मांग तक लंबा सिंदूर लगाती हैं. माना जाता है कि, मांग में लंबा सिंदूर लगाने से पति की उम्र और ज्यादा लंबी हो जाती है.
आपने अपने बड़े-बुजुर्गों से भी ये बातें सुनी होंगी कि, विवाह के बाद जो महिलाएं मांग में लंबा सिंदूर लगाती है उनके पति की उम्र और लंबी होती है. इसलिए कहा जाता है कि, सिंदूर ऐसे लगाएं जो मांग में दिखे. कहते हैं कि, सिंदूर माथे से लेकर जितनी लंबी मांग हो उतना भरें. माना जाता है कि, जो महिलाएं पूरी श्रद्धा और विधि-विधान के साथ छठ माता का उपवास करती हैं, उन पर हमेशा मातारानी की कृपा बनी रहती है, और उनके परिवार को सुख और समृद्धि का आर्शीवाद देती हैं.