बेलगाम हो रहे कोरोना पर अंकुश लगाने की कोशिश जारी है, लेकिन अब इस कोशिश के बीच जिस तरह की कोशिश उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने की है। अब उसकी देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया ही मुरीद बन रही है और तो और इस कोरोना काल में सबका मार्गदर्शन करने वाले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खुद कोरोना पर लगाम लगाने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा किेए गए कार्यों को प्रशंसनीय बताया है। डब्लूएचओ ने कहा कि कोरोना काल में जिस तरह का का काम योगी सरकार ने किया है… वह सराहनीय है..काबिल-ए-तारीफ है.. यहां संगठन ने अन्य देशों को योगी सरकार से सीखने की हिदायत भी दी है। योगी सरकार के कामों को उन्होंने सर्वोपरि करार दिया है..तो चलिए अब यह जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर उत्तर प्रदेश सरकार ने बेलगाम हो रहे कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए हैं।
आखिर ऐसा क्या किया योगी सरकार ने
यहां यह जानने की आतुरता आप में हो रही होगी कि जब पूरे देश में कोरोना का कहर बरप रहा है। लगातार संक्रमितों की संख्या अपने चरम पर पहुंच रही है। दिल्ली में तो अब लॉकडाउन जैसे हालात पैदा हो रहे हैं तो ऐसी स्थिति में योगी सरकार ने ऐसा क्या किया है, जिसकी मुरीद खुद डब्लूएचओ भी हो चुकी है। इस संदर्भ में डब्लूएचओ ने खुद एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें कोरोना काल में योगी सरकार द्वारा किए गए कामों का उल्लेख किया गया है। इस रिपोर्ट को सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कांफ्रेंस में खुद पेश किया। डब्लूएचओ ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को दूसरे प्रदेशों के लिए नजीर बताया है और इससे दूसरों इनसे सीखने की हिदायत दी है। योगी सरकार ने अपने प्रदेश के 93 प्रतिशत लोगों की कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग की है।
ऐसे हैं कोरोना के हालात
यहां पर हम आपको बताते चले कि उत्तर प्रदेश में अभी तक 474054 केस सामने आ चुके हैं। प्रदेश में पहले लॉकडाउन फिर इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने डब्लूएचओ के साथ मिलकर कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग की प्रक्रिया शुरू की। डब्लूएचओ के साथ मिलकर कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए यूपी के 75 जिलों में 800 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती की, जिन्होंने 1 से 14 अगस्त के बीच 58 हजार लोगों की जांच की।