सत्ता का सुख बड़ा निराला है। इसकी प्राप्ति के लिए तो न जाने लोग क्या-क्या न करने पर अमादा हो जाते हैं। खैर, आजकल कुछ ऐसा ही अमेरिका में हो रहा है। वहां राष्ट्रपति चुनाव मुकम्मल हो चुके हैं। इस बार सत्ता की चाबी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाथों से फिसल कर जो बाइडन के हाथों में जा पहुंची है, मगर ट्रंप है कि मानने को तैयार ही नहीं हो रहे हैं। 3 नवंबर को मीडिया ने साफ दिखाया था कि बाइडन जीत चुके हैं और ट्रंप के हाथों से सत्ता जा चुकी है। जीतने के लिए अनिवार्य रूप से 270 सीटों की दरकार होती है। उधर, बाइडन को 307 सीटें मिली है, जो ट्रंप के गले नहीं उतर पा रही है। उनका कहना है कि चुनाव में धांधली हुई है, लिहाजा अब ट्रंप इसके लिए कानून लड़ाई शुरू कर चुके हैं। खैर, यह सियासी रार अब कब तक जारी रहेगी यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही तय करेगा।
उधर, बाइडन भी ट्रंप के इस रूख को ध्यान में रखते हुए साफ कर चुके हैं कि अगर ट्रंप सत्ता नही्ं सौंपते हैं तो फिर अमेरिका में कोरोना वायरस की वजह से और अधिक लोगों की जान जा सकेगी। यहां वैसे भी कोरोना से हालात बेहद दुरूह हो चुके हैं। संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्थिति अनवरत संवेदनशील रूख अख्तियार कर रही है। बाइडन ने कहा कि अगर हम शपथ ग्रहण के लिए 20 जनवरी का इंतजार करें तो फिर अमेरिका डेढ महीने पीछे चला जाएगा। उन्होंने कहा कि टीका बहुत महत्वपूर्ण है। कोरोना से हमारी लड़ाई में यह सशक्त हथियार के रूप में काम करेगा। अमेरिका में कैसे हमें लोगों को टीका देना है। किस तरह देना है। इसके लिए हमें प्लान तैयार करना होगा।
अमेरिका में कोरोना के हालात
वहीं अगर अमेरिका में कोरोना की वर्तमान स्थिति की बात करें तो यहां पहले प्रकोप में ही 1,60,000 मामले सामने आए। उधर, इस वायरस से अब तक 2,47,000 से भी अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। लिहाजा, अब यहां हालात पहले से भी ज्यादा दुरूह होने की संभावना जताई जा रही है।