इन दिनों बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar assemly election) का दौर है। कल तक वीरान रहने वाली गलियां सियासी नुमाइंदों की दस्तक से गुलजार हो रही हैं। चुनाव प्रचार भी अपने चरम पर है। सभी दल प्रदेश की जनता को रिझाने में मसरूफ हो चुकी है। आखिर उनकी यह जुगत कहां तक सफल हो पाती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, मगर इससे पहले चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह की तस्वीरें सूबे में देखने को मिल रही है। वो लोगों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कर रही है। अगर यकीन न हो..तो अभी हाल ही में लालू प्रसाद यादव के पत्रवधू के प्रकरण को ही देख लीजिए। लालू यादव की पत्रवधू ने खुद सड़क पर उतर कर लालू परिवार के खिलाफ वोट करने के अपील की है। उन्होंने कहा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है, जिसका मुंहतोड़ जवाब प्रदेश की जनता इस विधानसभा चुनाव में लालू परिवार को देगी।
पिता के लिए गई थी वोट मांगने
काफी लंबे समय से इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि ऐश्वर्या राय सियासत में पदार्पण कर सकतीं हैं। इसके संकेत उन्होंने बीते दिनों मुख्ममंत्री नीतीश कुमार के पैरे छूकर और परसा विधानसभा में जनसभा को संबोधित करने के दौरान दे दिए हैं। इन सब घटनाओंं से उन्होंने साफ संकेत दे दिए कि वे भी बहुत जल्द ही सियासत में दस्तक देने की तैयारी में जुट चुकी है। उन्होंने लालू के खिलाफ लोगों से वोट करने के अपील की है। साथ ही परसा की जनता से गुजारिश करते हुए कहा कि यहां की जनता इनके पिता को वोट करके भारी मतों से विजयी बनाए। उन्होंने कहा कि यह पारस की जनता के आत्मसम्मान की बात है। इन्हें विजयी बनाना होगा।
मुख्यमंत्री के लिए भी मांगा वोट
इसके साथ ही ऐश्वर्या राय ने लालू परिवार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ भी वोट मांगा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के राज में सूबे में विकास की बयार बही है। लिहाजा, इस बार भी प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारी मतों से विजयी बनाए, मगर इस बीच जिस अंदाज में उन्होंने लोगों से वोट करने के लिए अपील की है, वो काफी सुर्खियों में रहा, उन्होंने जिस तरह सिर पर पल्लू बांधे और सख्त लहजे में लालू परिवार पर हमला बोला। वो भी काफी चर्चा में रहा।
क्या कहता है, प्रदेश का समीकरण
गौरतलब है कि इन दिनों बिहार में चुनाव चल रहे हैं। यह चुनाव तीन चरणों में होने जा रहे हैं। सभी अपनी सियासी गोटी फिट करने में जुट चुके हैं। 71 सीटों पर पहले चरण में चुनाव संपन्न हो चुके हैं,जिसमें 55 फीसद से भी अधिक मतदान दर्ज किया गया है , जो कि गत वर्ष के विधानसभा चुनाव की अपेक्षा बढ़ी है। वहीं, अब सूबे का सियासी समीकरण आगे चलकर क्या रूख अख्तियार करता है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।