देशभर में परिवहन की व्यवस्था की आधुनिक बनाने के लिए तेजी से काम चल रहा है। जहां एक तरफ देश में बुलेट ट्रेन और सेमी ट्रेन को लाने का काम तेजी से किया जा रहा है। तो वहीं, अब देश में मैग्लेव ट्रेन को लाने की तैयारी तेज हो गई है। जिसके लिए भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) ने SwissRapide AG के साथ एक गठबंधन किया है दरअसल इन दिनों कंपनियों के बीच मैग्लेव ट्रेन को भारत में लाने के लिए एक गठजोड़ हुआ है। मैग्लेव ट्रेन के मॉडल पर केंद्र सरकार के वैज्ञानिक आरएन शिंदे अपनी 50 लोगों की टीम से साथ 10 सालों से काम कर रहे थे और साल 2019 में मध्य प्रदेश के के इंदौर के राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (RRCAT) ने इसे तैयार किया।
इस ट्रैन की खास बात ये है कि मैग्लेव ट्रेन मैग्नेटिक फील्ड की सतह पर चलती है। इतना ही नहीं, इस ट्रेन की रफ्तार 800 किमी प्रति घंटा होती है। यानी की घंटों का समय अब कुछ मिनटों में होगा। हालांकि ये ट्रेन अब तक सिर्फ जापान और चीन में चलती है लेकिन जल्द ही भारत में भी इस ट्रेन को उतारने की तैयारी की जा रही है। भेल ने कहा कि शहरी परिवहन की पहुंच को बढ़ाने की जरूरत है। ऐसे में उसने SwissRapide AG के साथ समझौता किया है। इस समझौते के तहत कंपनी मैग्ले व ट्रेन को भारत लाएगी।
ये ट्रेन पटरी पर दौड़ने के बजाय हवा में रहती है। इसके लिए ट्रेन को मैग्नेटिक फील्ड की मदद से नियंत्रित किया जाता है इसलिए उसका पटरी से कोई सीधा संपर्क नहीं होता। ये ट्रेन को 500-800 किमी प्रति घंटा की रफ्तार तक दौड़ सकती है। भेल ने कहा कि यह समझौता पीएम नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को ध्यान में रखकर किया गया है।
बता दें कि भारत तेजी से अपने ट्रेन सिस्टम में बदलाव लाया जा रहा है। हाल ही में भारत में सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदेभारत एक्सप्रेस की शुरुआत हुई है। और अब जल्द ही भारत में मैग्लेव ट्रेन आएगी। बता दें कि इस ट्रेन का मॉडल जब बनाया गया था तब माना जा रहा था कि भारत उस टेक्नोलॉजी के बहुत करीब पहुंच गया है जो अमेरिका के पास भी नहीं है क्योंकि मैग्लेव ट्रेन सिर्फ चीन और जापान में दौड़ती है और अब भारत ऐसा तीसरा देश होगा। जहां ये ट्रेन नजर आएगी।