बिहार (Bihar) में विधानसभा चुनाव (Assembly elections) से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस (Former Union Minister Pashupati Paras) के महागठबंधन (Grand alliance) में जाने की अटकलें तेज हैं। इस बीच एनडीए से साइडलाइन किए जाने पर उनका दर्द छलका है। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के प्रमुख पारस ने कहा कि एनडीए ने दलित की पार्टी समझकर लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया था। बता दें कि 2024 के चुनाव में बीजेपी ने रालोजपा की जगह चिराग पासवान की लोजपा रामविलास को तरजीह दी थी। इसके बाद से पारस एनडीए से नाराज चल रहे हैं। रविवार को उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से भी मुलाकात की।
पशुपति पारस ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि दलित की पार्टी होने पर उनके पांचों सांसदों का एनडीए में टिकट काट दिया गया था। यह देश की राजनीति के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हम बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को भगवान मानते हैं। उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं तो हम किनारा करेंगे। फिलहाल सभी 243 विधानसभा सीटों पर संगठन को मजबूत किया जा रहा है। आगामी दिनों में रालोजपा राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक बुलाई जाएगी उसमें आगे की रणनीति पर फैसला होगा। महागठबंधन में जाने के सवाल पर रालोजपा प्रमुख ने कहा कि अभी इसे राज ही रहने दीजिए।
पारस की लालू यादव से मुलाकात
पशुपति पारस ने रविवार को आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच लगभग एक घंटे तक बातचीत हुई। आरजेडी सूत्रों के अनुसार रालोजपा के महागठबंधन में शामिल होने की संभावना को लेकर बातचीत की जा रही है।