केंद्र सरकार ने पंजाब को राज्य के पूंजीगत व्यय और अपने विकास व कल्याण संबंधी व्यय के लिए 3,220 करोड़ रुपये जारी किए हैं। दरअसल केंद्रीय कर पूल में पंजाब की ओर से डाले गए हिस्से में से यह एडवांस के रूप में फंड जारी किया गया है। पंजाब के पड़ोसी राज्यों की अगर बात की जाए तो हरियाणा को 1,947 और हिमाचल प्रदेश को 1,479 करोड़ रुपये एडवांस जारी किए गए हैं।
दरअसल सरकार को यह एडवांस केंद्रीय कर पूल में अपने पूंजीगत व्यय और विकास कार्यों पर खर्च करने के लिए दिया जाता है, ताकि इस फंड को वह ऐसे प्रोजेक्ट और सर्विस पर खर्च कर सकें, ताकि सरकार इनसे अपने राजस्व ढांचे को मजबूत कर सके। बीते दिनों सरकार ने 1150 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। इस कर्ज की एवज में सरकार अपने सरकारी स्टॉक को गिरवी रख रही है।
पंजाब में 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली, महिलाओं को निशुल्क बस यात्रा और आम आदमी क्लीनिक को संचालित करने में सरकार को हर महीने हजारों करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में खर्च करने पड़ रहे हैं। सरकार पर सब्सिडी का बोझ लगातार बढ़ रहा है। 25 साल के अंतराल में इस कर्ज की अदायगी की जाएगी। इसके लिए सरकार की ओर से केंद्र से जरूरी मंजूरी भी ले ली गई है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की गाइडलाइंस के तहत सरकार यह कर्ज लेने की तैयारी कर चुकी है। दूसरी ओर, पंजाब की कर्ज सीमा 10 हजार करोड़ बढ़ाने की मांग को केंद्र सरकार जल्द पूरा कर सकती है। इस मामले में केंद्रीय वित्त मंत्रालय (खर्च विभाग) को पत्र लिखा जा चुका है।
पंजाब के 8500 करोड़ केंद्र ने रोके
केंद्र ने पंजाब सरकार के करीब 8500 करोड़ रुपये अलग-अलग योजनाओं के तहत रोक रखे हैं। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) का 950 करोड़, आयुष्मान भारत योजना के तहत 249 करोड़, रूरल डेवलपमेंट फंड (आरडीएफ) के तहत 5600 करोड़, मंडी बोर्ड के तहत 1100 करोड़, नेशनल हेल्थ मिशन के 1100 करोड़, समग्र शिक्षा अभियान के 180 करोड़ और कैपिटल क्रिएशन के तहत 1800 करोड़ रुपये के फंड रोक रखे हैं।