कांग्रेस (Congress) ने गुरुवार को कहा कि पार्टी का कोई सांसद हरियाणा (Haryana) में मुख्यमंत्री पद (Chief Minister post) के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकता है, बशर्ते उनके पास नवनिर्वाचित विधायकों का समर्थन हो। पार्टी महासचिव और हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया (Deepak Babaria) ने इससे एक दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि किसी भी सांसद को विधानसभा चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
हरियाणा में कांग्रेस की ओर से भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला और कुमारी सैलजा को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में देख जा रहा है। इनमें से दीपेंद्र हुड्डा, सुरजेवाला और सैलजा सांसद हैं। कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद जब बाबरिया से सवाल किया गया कि क्या सांसदों के मुख्यमंत्री बनने के विकल्प खुले हुए हैं तो उन्होंने हां में जवाब दिया।
उनका कहना था, ‘पार्टी का ऐसा कोई भी व्यक्ति अपने आप को मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तुत कर सकता है जिसके पास विधायक दल में से किसी न किसी का समर्थन रहता है और कांग्रेस आलाकमान का आशीर्वाद रहता है।’ बाबरिया ने कहा कि पार्टी इस विधानसभा चुनाव में किसी एक चेहरे के साथ नहीं, बल्कि सामूहिक नेतृत्व के साथ उतरेगी।
उन्होंने बताया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 50 से 55 सीट के लिए संभावित उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दे दिया गया है और इन पर मुहर लगाने के लिए पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की दो-तीन सितंबर को बैठक हो सकती है। बाबरिया ने बुधवार को कहा था कि पार्टी के किसी भी सांसद को विधानसभा चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
उनकी इस टिप्पणी से कुछ दिनों पहले कांग्रेस महासचिव और लोकसभा सदस्य कुमारी सैलजा ने ‘पीटीआई’ के विशेष कार्यक्रम ‘4पार्लियामेंट स्ट्रीट’ में समाचार एजेंसी के संपादकों के साथ बातचीत में विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी और कहा था कि वह राज्य में काम करने की इच्छुक हैं, लेकिन इस बारे में अंतिम फैसला कांग्रेस आलाकमान को करना है। हरियाणा में सभी 90 विधानसभा सीट के लिए एक अक्टूबर को मतदान होगा। मतगणना चार अक्टूबर को होगी।