हिंदुस्तान के सबसे बड़े स्टील कारोबारी और धर्मनगरी कुरूक्षेत्र से BJP सांसद नवीन जिंदल के एक बयान ने हरियाणा के हिसार का राजनीतिक पारा गर्मा दिया है. अपने गृह जिले पहुंचे जिंदल ने कहा कि हिसार से सदैव उनका विशेष लगाव रहा है. हमारे परिवार को जब भी हिसार की जनता की सेवा करने का मौका मिलेगा, तो हम उसे अपना सौभाग्य समझेंगे.
BJP हाईकमान करेगा फैसला
नवीन जिंदल ने कहा कि जहां तक हिसार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का सवाल है, तो बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व इसपर फैसला करेगा. हम पार्टी के निर्णय पर अडिग रहेंगे. ऐसे में उनके इस बयान से बीजेपी के टिकट दावेदारों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि हिसार भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है. यहां पिछले दो विधानसभा चुनाव से पार्टी बड़े मार्जिन से जीत हासिल कर रही है.
हिसार में नवीन जिंदल ने यह बयान देकर राजनीतिक पारा और गर्मा दिया है कि बीजेपी जो भी जिम्मेदारी सौंपेगी, जिंदल परिवार उसे मानेगा. बता दें कि नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल और पिता ओपी जिंदल हिसार से विधायक रह चुके हैं. जिंदल परिवार का हिसार में मजबूत जनाधार माना जाता है.
हिसार में जिंदल परिवार का मजबूत जनाधार
1991 और 2004 में नवीन जिंदल के पिता ओमप्रकाश जिंदल हिसार विधानसभा सीट से विधायक रहें थे. साल 2004 में विधायक बने ओपी जिंदल को तत्कालीन हुड्डा सरकार में उर्जा मंत्री बनाया गया था, लेकिन इसके एक महीने बाद ही एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद, 2005 में हिसार सीट पर हुएं उपचुनाव में नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल ने जीत दर्ज की थीं. 2009 के चुनाव में फिर सावित्री जिंदल ने यहां से जीत दर्ज की थीं और तत्कालीन हुड्डा सरकार में मंत्री बनी थी.
2014 में उनकी जगह कांग्रेस पार्टी ने कुमारी शैलजा के करीबी रामनिवास राड़ा को टिकट थमाई थी, लेकिन वो बीजेपी के कमल गुप्ता से हार गए थे. 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी जिंदल परिवार का कोई सदस्य चुनावी रण में नहीं उतरा था, लेकिन इसी साल हुए लोकसभा चुनावों से ठीक पहले जिंदल परिवार ने बीजेपी ज्वाइन कर ली और नवीन जिंदल कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से सांसद बने.