हरियाणा के सरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के 2,424 पदों पर भर्ती की जाएगी. इन पदों की भर्ती के लिए मुख्य सचिव कार्यालय ने भी झंडी दिखा दी है. अब उच्चतर शिक्षा विभाग इनमें से कुछ पदों क़े लिए वित्त विभाग से मंजूरी लेगा क्योंकि कुछ पद 2 साल से ज्यादा वक़्त से खाली पड़े हैं. राज्य सरकार की तरफ से फैसला किया हुआ है कि 2 साल से ज्यादा अवधि वाले रिक्त पदों को भरने के लिए वित्त विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य है.
वित्त विभाग से अनुमति मिलने का इंतजार
वित्त विभाग से अनुमति मिलने के बाद उच्चतर शिक्षा निदेशालय 2,424 पदों की भर्ती के लिए हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) के पास आग्रह पत्र भेजेगा. मिल रही खबरों के अनुसार, वित्त विभाग से हाथों हाथ मंजूरी लेकर जून के आखिर तक एचपीएससी को आग्रह पत्र भेज दिया जाएगा.
संभावना यही है कि 15 जुलाई तक ही यह आग्रह पत्र भेजा जा सकता है. कॉलेज कैडर के सहायक प्रोफेसर पदों के लिए योग्य उम्मीदवार कई सालों से इंतजार कर रहे हैं. बीते दिनों पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने भी यह सवाल उठाया है कि आखिर साढ़े 4 साल से यह भर्ती क्यों नहीं हुई?
नियमों में संशोधन आ गया आड़े
हाई कोर्ट की तरफ से रोड मैप के बारे में भी पूछा गया था. उस वक्त तो नियमों में संशोधन बीच में आ गया था. मंत्रिमंडल की बैठक में नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दो बार पहुंचा था. मंत्रिमंडल से स्वीकृति मिलने के बाद फिर विभागीय स्तर पर रोस्टर प्रणाली पर काम जारी रहा. इसी बीच लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श चुनाव आचार संहिता लग गई. अब आचार संहिता हटी तो मुख्य सचिव कार्यालय से मंजूरी प्राप्त की गई है.
गौरतलब है कि हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) के पास पहले 1,535 पदों का आग्रह पत्र भेजा था, मगर उसे नियमों में संशोधन के नाम पर होल्ड पर करवा दिया गया था. उसके बाद फिर से आग्रह पत्र नहीं गया. कई संभावित उम्मीदवारों ने बार- बार आग्रह किया है कि प्रदेश सरकार इन रिक्त पदों पर भर्ती जल्द शुरू करे. वे पीएचडी है, नेट पास है मगर भर्ती न होने की वजह से उनकी उम्र निकलती जा रही है और ओवरएज हो रहे हैं.