कुवैत (Kuwait) की इमारत (building) में लगी आग (fire) में सबसे अधिक भारतीयों (indian) की मौत हुई। कुल 49 मृतकों में 40 भारतीय है। मृतकों के शवों की पहचान के लिए कुवैती अधिकारी डीएनए टेस्ट (DNA tests) कर रहे हैं। इसके अलावा, भारतीय मृतकों के शव को वापस लाने के लिए भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) तैयार है । अधिकारियों ने बताया कि वायुसेना का एक विमान इसके लिए तैयार है। भारतीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन (Minister of State Kirtivardhan) भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर कुवैत के दौरे पर हैं।
केरल के 19 लोगों की मौत
इसके अलावा, केरल सरकार ने कहा कि कुवैत में जिन केरल के लोगों का निधन हुआ है, उनके परिजनों को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराई जाएगी। आज सुबह मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में कैबिनेट की आपात बैठक हुई। बैठक में मुआवजे का एलान किया गया है। केरल सरकार को मिली जानकारी के अनुसार, राज्य के 24 लोगों की हादसे में मौत हो गई है। वहीं, केरल के सात लोग घायल हैं। मृतकों के अलावा, घायलों के लिए सरकार ने एक लाख रुपये की सहायता राशि देने का एलान किया है। केरल सरकार ने भी राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज को तुरंत कुवैत भेजने का निर्णय लिया है।
केरल के कुल मृतकों को 12 लाख
राज्य के प्रमुख व्यवसायी रवि पिल्लई और एम.ए यूसुफ अली ने सीएम को बताया कि वे प्रत्येक मृतक को दो लाख और पांच लाख रुपये की सहायता देंगे। हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को कुल 12 लाख रुपये मिलेंगे।
पीएम मोदी ने भी घटना पर जताया दुख
इसके अलावा, पीएम मोदी ने इस ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ पर गहरा दुख जताया। उन्होंने भी मृतक भारतीय नागरिकों के परिवारों के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि भी घोषित की।
तमिलनाडु के पांच लोगों की भी गई जान
जानकारी के अनुसार, केरल के 19 लोगों के अलावा, हादसे में पांच तमिलनाडु के लोग भी शामिल हैं। तमिलनाडु के अल्पसंख्यक कल्याण और अनिवासी तमिल कल्याण मंत्री, गिंगी केएस मस्तान ने गुरुवार को यह जानकारी दी। मस्तान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पीड़ित तंजावुर, रामनाथपुरम और पेरावुरानी क्षेत्र के थे। मृतकों की पहचान राम करुप्पन, वीरसामी मरियप्पन, चिन्नादुरई कृष्णमूर्ति, मोहम्मद शेरिफ और रिचर्ड के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के निर्देशानुसार शवों को घर लाने और घायलों के लिए आवश्यक चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं।