दिल्ली (delhi) में प्रदूषण (pollution) से बिगड़ती स्थिति को देखते हुए ग्रैप का चौथा चरण रविवार को लागू कर दिया गया है। इसके तहत रविवार देर रात से दिल्ली में डीजल चालित हल्के और भारी मालवाहक वाहनों (heavy goods vehicles) की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई। करीब पचास हजार वाहनों को दिल्ली के बॉर्डरों पर रोक दिया गया।
परिवहन विभाग की तरफ से इस संबंध में देर रात में आदेश जारी किया गया। आदेश में कहा गया कि सब्जी, फल, दूध, दवाई और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले ट्रकों को छोड़कर बाकी सभी का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। हालांकि सीएनजी, एलएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।
देश के अन्य हिस्सों से आते हैं ट्रक
परिवहन विभाग के मुताबिक, डीजल से चलने वाले व्यावसायिक वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है। चाहे वे दिल्ली में पंजीकृत हों या फिर बाहर से दिल्ली आ रहे हैं, अब उन्हें राजधानी में प्रवेश नहीं मिलेगा। इस आदेश के बाद करीब पचास हजार डीजल चालित हल्के और भारी मालवाहक वाहनों की दिल्ली में आवाजाही रुकेगी। इसमें दिल्ली के अंदर और बाहर से दिल्ली आने वाले मालवाहक वाहन शामिल है। इसमें भी उन वाहनों की संख्या ज्यादा है जो एनसीआर व देश के अन्य हिस्सों से सामान की आपूर्ति के लिए दिल्ली आते हैं।
कार्रवाई के निर्देश
ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की सचल टीमों कोे प्रतिबंधित वाहनों पर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। उनसे कहा गया है कि डीजल से चलने वाले मालवाहक वाहनों को प्रवेश न दिया जाए। अगर कोई प्रवेश करता है तो जुर्माना लगाएं। प्रतिबंधित वाहनों पर कार्रवाई के लिए पहले से टीमें पूरी दिल्ली में तैनात हैं।
तीन करोड़ का जुर्माना
परिवहन विभाग की 84 टीम चार पहिया वाहनों और 30 टीम दो पहिया वाहनों के जरिए प्रतिबंधित वाहनों पर नजर रख रही हैं। ग्रैप -3 के प्रतिबंधों के तहत राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल से संचालित निजी वाहनों पर पहले प्रतिबंध लागू था, जिन पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जा रहा है। बीते तीन दिनों में तीन करोड़ का जुर्माना लगाया गया है।
वायु गुणवत्ता की नियमित निगरानी करेगा आयोग
केन्द्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग दिल्ली की वायु गुणवत्ता की नियमित निगरानी करेगा। इसी के अनुसार आगे के फैसले लिए जाएंगे। दिल्ली की हवा में प्रदूषण बढ़ने के बाद रविवार शाम आयोग की ग्रैप समिति की आपातकालीन बैठक हुई। इसमें प्रदूषण की स्थिति और मौसम के कारकों एवं मौसम के पूर्वानुमान पर चर्चा की गई। बैठक में कहा गया कि शनिवार को चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 415 अंक पर था। इसके बाद प्रदूषण के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई। रविवार दोपहर तीन बजे प्रदूषण स्तर 463 पर पहुंच गया। हालांकि, बाद में इसमें मामूली सुधार हुआ और वायु गुणवत्ता सूचकांक 454 अंक पर रहा। अगले कुछ दिनों में भी मौसम के कारक ऐसे नहीं रहने के आसार हैं, जिनसे प्रदूषक कणों का तेजी से बिखराव हो सके, इसलिए आयोग इसकी नियमित निगरानी करेगा।