भारत ने बुधवार को यहां 19वें एशियाई खेलों की तीरंदाजी प्रतियोगिताओं में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। ज्योति सुरेखा वेन्नम और ओजस देवताले ने फूयांग यिनहु स्पोर्ट्स सेंटर में कंपाउंड मिश्रित टीम प्रतिस्पर्धा में दक्षिण कोरिया को हराकर भारत को 71वां पदक दिलाया। भारत ने फाइनल में कोरिया गणराज्य को करीबी मुकाबले में 159-158 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। हांगझोऊ में यह भारत का 16वां स्वर्ण पदक है। इसके साथ ही 2018 में इंडोनेशिया में पिछले संस्करण में हासिल किए गए 70 पदकों के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से भी भारत आगे निकल गया है। उसकी झोली में अब तक 25 रजत और 29 कांस्य पदक भी आ चुके हैं। वह पदक तालिका में चीन, जापान और कोरिया गणराज्य के बाद चौथे स्थान पर है।
फाइनल में सो चैवोन और जू जेहून की कोरियाई जोड़ी के खिलाफ, ज्योति और ओजस की भारतीय जोड़ी को शुरुआती बढ़त मिली और उन्होंने पहला राउंड 40-39 से जीत लिया। कोरिया की महिला तीरंदाज चैवोन ने नौ और 10 का स्कोर किया जबकि उनकी टीम के साथी जाहून ने 10-10 का स्कोर किया। दोनों भारतीयों ने अपने दोनों मौकों में 10-10 का स्कोर किया। भारतीयों ने दूसरे राउंड में भी अपनी बढ़त बरकरार रखी।दोनों टीमों ने पूरे 40-40 अंक हासिल किये। तीसरे राउंड में कोरियाई ने 40-39 की बढ़त के साथ स्कोर 119-119 पर बराबर कर दिया। हालाँकि, अंतिम राउंड में, ओजस और ज्योति की जोड़ी ने पूरे 40 अंक हासिल किये जबकि कोरियाई खिलाड़ी केवल 39 अंक ही प्राप्त कर सके। महिला कोरियाई तीरंदाज अपने पहले प्रयास में नौ अंक ही पा सकीं। इस प्रकार, ज्योति और ओजस ने फाइनल 159-158 से जीतकर स्वर्ण पदक जीता। ज्योति और ओजस दोनों के लिए एशियाई खेलों में यह उनका पहला पदक था। दोनों अपनी-अपनी एकल प्रतिस्पर्धाओं के फाइनल में पहुंचकर और पदक जीतने की दौड़ में हैं।