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भारत ने छह देशों से पॉलीथीन के आयात के लिए शुरू की डंपिंग रोधी जांच

 वाणिज्य मंत्रालय की इकाई डीजीटीआर ने भारतीय रसायन एवं पेट्रोरसायन संघ की शिकायत के बाद कुवैत, मलेशिया, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से पॉलीथीन के आयात की डंपिंग रोधी जांच शुरू की है। आवेदक ने आरोप लगाया कि लीनियर-डेंसिटी पॉलीइथिलीन (एलएलडीपीई) की डंपिंग के बाद किए गए आयात के कारण उद्योग प्रभावित हुआ है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से प्लास्टिक प्रसंस्करण उद्योग के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है, जिससे पैकेजिंग फिल्म, तार और केबल जैसे विभिन्न उत्पाद बनाए जाते हैं।

व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) की अधिसूचना के अनुसार, आवेदक ने डंपिंग किए गए आयातों के कारण घरेलू उद्योग को हुई क्षति के संबंध में साक्ष्य प्रदान किए हैं। इसमें कहा गया, ‘‘प्राधिकरण डंपिंग के अस्तित्व और प्रभाव को निर्धारित करने के लिए डंपिंग रोधी जांच शुरू करता है।’’

अधिसूचना में कहा गया कि डंपिंग से घरेलू कंपनियों को भौतिक क्षति हुई है, तो डीजीटीआर आयात पर शुल्क लगाने की सिफारिश करेगा। शुल्क लगाने का अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय लेता है। डंपिंग रोधी जांच विभिन्न देशों द्वारा यह पता लगाने के लिए की जाती है कि सस्ते आयात में वृद्धि से घरेलू उद्योगों को नुकसान तो नहीं पहुंचा है। जिनेवा स्थित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बहुपक्षीय व्यवस्था के तहत जवाबी कार्रवाई के तौर पर शुल्क लगाए जाते हैं। शुल्क का मकसद निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करना और विदेशी उत्पादकों एवं निर्यातकों के मुकाबले घरेलू उत्पादकों के लिए समान अवसर बनाना है। भारत और ये देश डब्ल्यूटीओ के सदस्य हैं। भारत ने चीन सहित विभिन्न देशों से सस्ते आयात से निपटने के लिए पहले ही कई उत्पादों पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाए हैं।