चीन का एक प्रायोगिक स्पेसक्राफ्ट (experimental spacecraft) धरती के चारों तरफ 276 दिन से चक्कर लगाकर वापस लौट आया है . इस बात का खुलासा चीन की सरकार (government of china) ने खुद किया है. हालांकि उसने यह नहीं बताया कि स्पेसक्राफ्ट किस मकसद से लॉन्च किया गया था? उसने क्या काम किया? उसका मिशन क्या था?
इस रहस्यमयी अंतरिक्षयान (mysterious spaceship) की तस्वीर भी जारी नहीं की गई है. लेकिन कहा जाता है कि यह अमेरिकी स्पेसक्राफ्ट X-37B की तरह ही है. इस यान को पिछले साल अगस्त महीने में लॉन्च किया गया था. चीन की सरकार जल्द ही इसकी तस्वीर सार्वजनिक करने वाली है.
बताया जा रहा है कि चीन का यह एक्सपेरिमेंट उसकी स्पेस टेक्नोलॉजी के लिए बेहद जरूरी है. भविष्य में सैटेलाइट्स या इंसानों को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए यह यान सस्ता साधन बनेगा. साल 2021 में ऐसा ही स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष के मुहाने तक गया था. उसी दिन लौट आया था. इसके बारे में भी चीन ने दुनिया को कुछ नहीं बताया था.
यह एक स्वचालित स्पेसक्राफ्ट है, जिसमें मिशन पूरा फीड कर दें तो यह खुद टेकऑफ करके, अपना मिशन पूरा करने के बाद खुद ही वापस लौट आए. यह कई सालों तक अंतरिक्ष में चक्कर लगाता रह सकता है. उधर, नासा के X-37B यान ने पिछले साल अपना छठा मिशन पूरा किया था. वह 900 दिनों तक अंतरिक्ष में था.
पिछले साल लॉन्चिंग के बाद इस यान ने पृथ्वी की कक्षा में एक रहस्यमयी वस्तु को छोड़ा था. यह वस्तु लगातार इस स्पेसप्लेन के पीछे-पीछे धरती का चक्कर लगा रही थी. तब दुनिया भर के वैज्ञानिक और सरकारें इस बात से परेशान थीं कि ये वस्तु क्या है?
दुनिया को चीन के सीक्रेट स्पेसप्लेन के बारे में ही थोड़ी जानकारी है. कहते हैं कि चीन ने दोबारा इस्तेमाल होने वाला प्रायोगिक अंतरिक्षयान बनाया है. इसे लॉन्ग मार्च 2एफ रॉकेट से अगस्त में लॉन्च किया गया था. इस स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च करने के पीछे चीन की क्या मंशा है, ये किसी को नहीं पता. इसके अंदर क्या चीजें हैं, किसी को नहीं पता.
ये क्या काम करेगा, ये जानकारी भी नहीं है. लेकिन ये बात पता चली है कि चीन इस स्पेसक्राफ्ट को वापस लॉन्च कर सकता है. अमेरिकी स्पेस फोर्स के 18वें स्पेस डिफेंस स्क्वॉड्रन ने इस वस्तु के बारे में थोड़ी जानकारी हासिल की. अमेरिकी स्पेस फोर्स ने कहा कि चीन के सीक्रेट स्पेसप्लेन से 24 से 31 अक्टूबर के बीच यह रहस्यमयी वस्तु पृथ्वी की कक्षा में रिलीज की गई थी.
हार्वर्ड एस्ट्रोनॉमर और स्पेस ट्रैकर जोनाथन मैक्डॉवल ने कहा कि यह पता नहीं चल पाया कि इस वस्तु से किस तरह का नुकसान है. ये किस काम आता है. ऐसा भी हो सकता है कि यह एक सर्विस मॉड्यूल हो. जोनाथन ने इस वस्तु के आकार और वजन की जांच की. साथ ही उन्होंने लॉन्ग मार्च 2एफ रॉकेट में जाने वाले सभी पेलोड्स के बारे में पता लगाया.
उससे पता चला कि चीन का टॉप सीक्रेट स्पेसप्लेन अमेरिकी वायुसेना के X-37B स्पेसप्लेन की तरह ही है. कहा जाता है कि चीन इस स्पेसप्लेन को नीचे ला सकता है, लेकिन इसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. दुनिया में एक पहेली बनी हुई है कि चीन सीक्रेट स्पेसक्राफ्ट क्यों बना रहा है. क्या वह अमेरिका की तरह अपने एस्ट्रोनॉट्स को अपने स्पेस स्टेशन तक भेजने के लिए स्पेस शटल की तरह कोई योजना तैयार कर रहा है.