पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Foreign Minister Bilawal Bhutto Zardari) ने शुक्रवार (5 मई) को गोवा (Goa) से अपने देश वापस लौटने के बाद भारत (India) के खिलाफ जहर उगला है. उन्होंने कहा कि भारत की आलोचना के पीछे उसकी अपनी असुरक्षा की भावना है. बीजेपी (BJP) हर मुसलमान को आतंकवादी (terrorist to muslim) बताने की कोशिश कर रही है. बिलावल भुट्टो एससीओ (SCO) के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक में शामिल होने के लिए गुरुवार (4 मई) को भारत (India) पहुंचे थे.
उन्होंने कहा कि सदस्य देशों के समक्ष कश्मीर पर सैद्धान्तिक स्थिति रखी गई. कश्मीर पर हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. भुट्टो ने कहा कि उन्होंने भारत की जमीन पर बैठकर कश्मीर की वकालत की. जब तक भारत अपना एकतरफा फैसला वापस नहीं लेता, तब तक बात नहीं बनेगी.
बीजेपी और आरएसएस का किया जिक्र
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि सदस्य देशों के सामने पाकिस्तान का मामला रखा गया. बीजेपी और आरएसएस के प्रचार का जवाब दिया है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को समान अधिकार हैं. पाकिस्तान में, हिंदू समुदाय के लोग एमएनए और एमपीए बनते हैं.
बिलावल भुट्टो ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ पाकिस्तान के बलिदान को दुनिया को बताना चाहिए. भारतीय विदेश मंत्री की आलोचना के संबंध में सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय मंत्री बीजेपी की भावना का प्रतिनिधित्व कर रहे थे जो मुसलमानों के खिलाफ नीतियों को बढ़ावा देती है और कहा कि भारतीय सत्ताधारी पार्टी और आरएसएस मुझे और हर पाकिस्तानी को ‘आतंकवादी’ घोषित करना चाहती है.
“भारत के अलावा सभी सदस्य देशों ने सीपीईसी की तारीफ की”
उन्होंने जोर देकर कहा कि एससीओ के सदस्य देशों ने आतंकवाद के कारण पाकिस्तान के बलिदान को स्वीकार कर लिया है, जबकि बीजेपी हर मुसलमान को आतंकवादी के रूप में लेबल करने की कोशिश कर रही है. चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के बारे में उन्होंने कहा कि भारत को छोड़कर सभी सदस्य देशों ने सीपीईसी की क्षमता को स्वीकार किया है और मध्य एशियाई राज्य सीपीईसी का हिस्सा बनना चाहते हैं.
उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए कहा कि जब तक भारत कश्मीर (अनुच्छेद 370-ए को अपनाने) के बारे में अपनी स्थिति नहीं बदलता है, तब तक कोई सार्थक चर्चा नहीं हो सकती है. इससे पहले भुट्टो ने भारत में कहा था कि कश्मीर में जी-20 का आयोजन करना भारत के घमंड को बताता है.
भारत के विदेश मंत्री ने दिया करारा जवाब
बिलावल भुट्टो के इस बयान पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पलटवार करते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग था, है और रहेगा. देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी जी-20 की बैठकें हो रही हैं, इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है. एससीओ के सदस्य देश के विदेश मंत्री के तौर पर आए. हालांकि आतंकवाद के प्रमोटर मुल्क के प्रवक्ता के तौर उनकी भूमिका पर सवाल उठे हैं. बैठक में भी उठे हैं.
“जी-20 पर उनकी कोई भूमिका नहीं है”
जयशंकर ने दो टूक कहा कि जी-20 पर उनकी कोई भूमिका नहीं है. जिस आयोजन में और संगठन में वो शमिल नहीं हैं उसके बारे में क्यों बोल रहे हैं. जहां तक कश्मीर का सवाल है, कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा. उनकी यात्रा को सदस्य देश के विदेश मंत्री की यात्रा से अधिक कुछ नहीं देखना चाहिए. इससे ज्यादा कुछ था भी नहीं. जो उन्होंने कहा उसके मद्देनजर और अधिक की गुंजाइश भी नहीं है.