कहा जाता है कि बच्चा जैसा देखता है, सुनता है, वही सीखता है. इसलिए बच्चे को बचपन से ही अच्छे संस्कार में शिक्षा देना चाहिए. महंगे स्कूल और सुविधाएं बच्चों की अच्छी शिक्षा की गारंटी नहीं देते. अतीक अहमद को पैसों की कोई कमी नहीं थी. उसने अपने पंचों बच्चों का दाखिला शहर के सबसे बेस्ट स्कूल में करवाया था, लेकिनकिसी का भी पढ़ाई में मन नहीं लगा. उसके तीन बेटे तो यूपी के मॉस्ट वांटेड बदमाश बन गए.
माफिया डॉन अतीक अहमद और लेडी डॉन शाइस्ता परवीन के पांचों बेटे प्रयागराज के सबसे महंगे स्कूल सेंट जोसेफ से पढ़े हैं. सूत्रों के अनुसार, असद के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने जब उसके तमाम दस्तावेजों को वेरिफाई किए तो उसकी 10वीं की फर्स्ट टर्म की मार्कशीट पुलिस के हाथ लगी है. मार्कशीट से ये साफ है कि असद अहमद पढ़ाई लिखाई में बेहद कमजोर था, उसके 700 में से सिर्फ 175 मार्क्स आए थे.
पढ़ाई में असद बेहद कमजोर
असद के मार्क्सशीट पर लिखा है ‘need to work hard in all subjects’ , मतलब कि सभी विषयों में कड़ी मेहनत करने की जरूरत है. असद को 10वीं के फर्स्ट टर्म के एग्जाम में बेहद कम नंबर मिले थे. अंग्रेजी में थ्योरी और प्रैक्टिकल मिलाकर 100 में कुल 28 नंबर आए थे. वहीं, हिंदी में 21.5 और गणित में महज 19 नंबर आए थे.
इतिहास और नागिरक में 12.5 और भूगोल के थ्योरी में असद को सिर्फ 15 नंबर मिले थे. भौतिकी की थ्योरी में जीरो, केमिस्ट्री में चार और बायोलॉजी में 10 नंबर ही मिले हैं. इन नंबरों को जोड़ दिया जाए और इसका प्रतिशत निकाला जाए तो असद को इस एग्जाम में 25 प्रतिशत ही नंबर मिले थे.
इमानदारी में असद को सी ग्रेड
वहीं, स्कूल ने असद के पूरे आचरण की भी ग्रेडिंग की थी. इमानदारी में असद को सी और साफ-सफाई में बी ग्रेड मिला है. असद समय का पाबंद भी नहीं था. वह लापरवाह था, उसे स्कूल ने इस मामले में डी ग्रेड दिया है. वहीं, असद की कम्यूनिकेशन स्किल भी कमजोर थी. वह अपनी बात ठीक तरीके से रख नहीं पाता था. स्कूल ने उसे सी ग्रेड दिया था.
असद एनकाउंटर में हुआ ढेर
सद के इस मार्क्सशीट पर उसकी जन्म तिथि 22.09.2003 दर्ज है. वहीं, ये रिजल्ट साल 2020 में आया है. मतलब कि 10 वीं में असद की उम्र लगभग 17 साल रही होगी. पिता के नक्शे कदम पर रहते हुए असद भी अपराध की दुनिया में आ गया. असद पर उमेश पाल की हत्या का आरोप था. हालांकि, पुलिस ने उसे एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया है.