पाकिस्तान (Pakistan) के लिए सिरदर्द बन चुके आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) (Terrorist organization Tehreek-e-Taliban (TTP)) ने रविवार को पाक सरकार को चुनौती देते हुए नई कैबिनेट की घोषणा (new cabinet announced) कर दी। उसका ये ऐलान नई सरकार के गठन की घोषणा ही मानी जा रही है। टीटीपी की निजी मीडिया एजेंसी खुरासान डायरी ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी।
पाकिस्तान में पिछले कुछ महीनों में आतंकी संगठन टीटीपी ने सुरक्षाबलों पर हमले तेज किए हैं। तालिबान समर्थित इस आतंकी संगठन का गढ़ अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और पाकिस्तान के कबिलाई क्षेत्र में है। पाक सरकार के साथ संघर्ष विराम तोड़ने के बाद उसने यहां हमले तेज किए हैं। खासकर अफगानिस्तान से लगते पाक के क्षेत्रों में आतंकियों की ताकत बढ़ी है और सेना कमजोर हुई है।
जल्द करेगा नियुक्ति
टीटीपी ने मंत्रालयों को रक्षा, न्यायपालिका, सूचना, राजनीतिक मामलों, आर्थिक मामलों, शिक्षा, फतवा जारी करने वाले प्राधिकरण, खुफिया और निर्माण विभाग में विभाजित करते हुए अपनी नई नियुक्तियों की घोषणा की है। उसने अपनी सरकार के इलाकों को दो प्रांतों में बांट दिया है। एक प्रांत वो बनाया गया है, जहां उसका नियंत्रण कमजोर है, दूसरा पाक सरकार के साथ जहां उसका विवाद है। पाकिस्तान के पेशावर, खैबर पख्तूनख्वां, मलकंद, मर्दन, डेरा इस्माइल खान, बन्नू, कोहाट और झोब जैसे इलाके में टीटीपी संगठन सक्रिय है और लगातार मजबूत होता जा रहा है।
सेना के लिए बना चुनौती
तालिबान से जुड़ा ये आतंकी संगठन पाक सेना के लिए चुनौती बन गया है। एक पाक थिंक टैंक की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 सुरक्षाकर्मियों के लिए घातक साल रहा।
अफगानिस्तान जैसा होगा पाक का हाल
टीटीपी के इस ऐलान से साफ हो गया है कि वो पाकिस्तान की कमान अपने हाथ में लेने की कोशिश में है। अगर पाकिस्तान में आतंकी संगठन टीटीपी पूरी तरह हावी हो जाता है और पूरे पाकिस्तान पर उसका शिकंजा कसता है, तो आने वाले समय में पाकिस्तान का हाल अफगानिस्तान जैसा हो जाएगा।