बिहार में जहरीली शराब (Poisonous liquor in Bihar) पीने मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और नीतिश सरकार (Nitish Sarkar) हाथ पर हाथ धरे बैठी। शराब माफियाओं पर कोई कार्यवाई नहीं होने से विपक्ष एक तरफ जहां सरकार को घेर रहा तो वहीं नीतिश कुमार से सवाल भी पूछ रहा है।पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि बिहार विधानसभा में भाजपा सदस्यों के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को माफी मांगनी चाहिए। जहरीली शराब से फिर 20 लोगों की मौत पर दुखी होने और शराबबंदी की समीक्षा करने के बजाय इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री का आवेश में आना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। वे बात-बात पर आपा खो रहे हैं।
भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा पूर्ण मद्यनिषेध के पक्ष में है। इसकी समीक्षा होनी चाहिए और समीक्षा का मतलब शराबबंदी समाप्त करना नहीं है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार शराबबंदी लागू करने में पूरी तरह विफल हैं जबकि यह गुजरात में बेहतर तरीके से लागू है। बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद 6 साल में 1000 से ज्यादा लोग जहरीली शराब पीने से मरे, 6 लाख लोग जेल भेजे गए और केवल शराब से जुड़े मामलों में हर माह 45 हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में रोजाना 10 हजार लीटर और महीने में 3 लाख लीटर शराब जब्त की गई। जब इतनी बड़ी मात्रा में शराब आ रही है, तब सरकार शराबबंदी लागू करने में अपनी विफलता स्वीकार करे।