जम्मू-कश्मीर के डीजी हेमंत लोहिया (DG Hemant Lohia) की हत्या मामले में फरार चल रहे नौकर यासिर को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर ही लिया। डीजी जेल हेमंत कुमार लोहिया (Dg Hemant Kumar Lohia) की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी, जिसकी जिम्मेदारी आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली थी। जांच में सामने आया था कि डीजी जेल की हत्या को अंजाम देने के लिए टमैटो केच अप की बोतल का इस्तेमाल किया गया था। इसके साथ ही हत्या के बाद शव को जलाने की भी कोशिश की गई थी। इस पूरे मामले की जांच जब और गहराई से की गई। परतें और खुलती गई। इस हत्या के मामले में उसकी एक निजी डायरी में पुलिस को ऐसी शायरी लिखी मिली है, जिसका मजमून जिंदगी से नफरत और मौत को गले लगाना चाहता है।
हत्या के कुछ ही घंटों के बाद पकड़े गए 23 वर्षीय यासिर लोहार ने अपनी डायरी में टूटी फूटी हिंदी और अंग्रेजी में शायरी लिखी है। उसे देखकर पुलिस दावा कर रही है कि यासिर ने अवसाद में डीजी कारावास की बेरहमी से हत्या की है। यासिर ने डायरी पर एक जगह लिखा है ‘मै अपनी जिंदगी को फिर से शुरू करना चाहता हूं’ फिर लिखा है – जिंदगी तो बस तकलीफ देती है, सुकून तो मौत ही देती है। हर दिन उम्मीदों के साथ शुरु होकर बुरे अनुभव के साथ खत्म होता है।
उसने लिखा है – मैं 99 फीसदी गम में हूं और मेरे चेहरे पर 100 फीसदी फर्जी मुस्कुराहट है। मैं दस फीसदी खुश हूं, लेकिन जिंदगी में शून्य फीसदी प्यार और नब्बे फीसदी तनाव है। मैं अपनी जिंदगी से नफरत करता हूं, जो मुझे सिर्फ दर्द देती है। मैं नई शुरुआत के लिए बस अपनी मौत का इंतजार कर रहा हूं।
आरोपी यासिर-यासिर ने आशिकी 2 फिल्म के मशहूर गीत की पंक्तियां ‘भुला देना मुझे, है अलविदा तुझे’ को भी डायरी में लिखा है। एडीजीपी मुकेश सिंह ने कहा कि प्रारंभिक जांच बता रही है कि यासिर का व्यवहार गुस्सैल था। उसके अवसादग्रस्त होने की बात सामने आई है।