देशभर में नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनायाजाता है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस साल शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर, सोमवार से शुरू होकर 4 अक्टूबर, मंगलवार तक रहेंगे। नवरात्रि की महाष्टमी इस साल 3 अक्टूबर को मनाई जाएगी। महानवमी 4 अक्टूबर को है। नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है। इन दोनों तिथियों में हवन पूजन के साथ कन्या पूजन किया जाता है।
महाष्टमी का महत्व-
शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि को महाष्टमी के नाम से जानते हैं। नवरात्रि के आठवें दिन यानी अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है।
नवरात्रि की अष्टमी तिथि कब तक-
नवरात्रि की अष्टमी तिथि 02 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर 03 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 37 मिनट तक रहेगी।
अष्टमी तिथि पर कब तक कर लें हवन पूजन
हिंदू पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि पर हवन पूजन का सबसे सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
महाष्टमी के शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:38 ए एम से 05:26 ए एम।
अभिजित मुहूर्त- 11:46 ए एम से 12:34 पी एम।
विजय मुहूर्त- 02:08 पी एम से 02:56 पी एम।
गोधूलि मुहूर्त- 05:53 पी एम से 06:17 पी एम।
अमृत काल- 07:54 पी एम से 09:25 पी एम।
रवि योग- 12:25 ए एम, अक्टूबर 04 से 06:15 ए एम, अक्टूबर 04