केंद्र सरकार ने इन्वायरन्मेंट इंपैक्ट असेसमेंट रूल्स में बदलाव का नोटिफिकेशन जारी किया है। अब रणनीतिक महत्व (strategic importance) और रक्षा क्षेत्र की सुविधा के लिए एलओसी से 100 किलोमीटर के दायरे में बनाए जाने वाले हाइवे को इस नियम से छूट दी जाएगी। इसके लिए ग्रीन नॉड लेना जरूरी नहीं रहेगा। वहीं पर्यावरण मंत्रालय (Ministry of Environment) द्वारा जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि एयरपोर्ट पर टर्मिनल बिल्डिंग के व िस्तार के लिए भी ग्रीन नॉड लेने की जरूरत नहीं होगी।
इसके अलावा बायोमास आधारित पावर प्लांट (Biomass Based Power Plant) पर भी छूट दी गई है। इसमें कोयला, लिग्नाइट या पेट्रोलियम जैसे प्रोडक्ट का भी इस्तेमाल होता है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि रक्षा और रणनीतिक महत्व वाले हाइवे प्रोजेक्ट (highway project) काफी संवेदनशील होते हैं। इसलिए उन्हें कुछ छूट दी जा रही है। इन्हें इन्वायरन्मेंट क्लियरेंस की जरूरत नहीं होगी। इन्हें अपने स्तर पर पर्यावरण का ध्यान रखना होगा।इससे पहले जब अप्रैल में इस छूट के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया गया था तब कई ऐक्टिविस्ट ने इसका विरोध किया था। उनका कहना था कि इससे पर्यावरण पर बहुत बुरा असर पड़ेगा और बिना किसी लगाम के पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जाएगा। अब इस आदेश के बाद उत्तराखंड के चार धाम प्रोजेक्ट और हिमालय में एलओसी के 100 किलोमीटर दायरे में आने वाले अन्य की प्रोजेक्ट को क्लियरेंस की जरूरत नहीं होगी।
बता दें कि एक संगठन ने चारधाम हाईवे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी इसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया था कि इसकी चौड़ाई 5.5 मीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए जिसका जिक्र मंत्रालय ने 2018 के सर्कुलर में किया था। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि मिसाइल, लॉन्चर आदि ले जाने के लिए कम से कम 10 मीटर चौड़ाई करने की अनुमति मिलनी चाहिए। इसके बाद एक हाई पावर्ड कमिटी बनाई गई थी जिसने कहा था कि जहां रणनीतिक महत्व होगा वहां हाईवे की चौड़ाई 10 मीटर हो सकती है।