न्यूजीलैंड में खेले जा रहे महिला वर्ल्ड कप का रविवार को फाइनल मुकाबला क्राइस्टचर्च में खेला जाएगा. इसमें ऑस्ट्रेलिया की टक्कर इंग्लैंड से होगी. इस मैच से पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ऑस्ट्रेलियाई टीम को शुभकामनाएं दीं. प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्तों को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए एक ऐतिहासिक ट्रेड डील साइन करने के दौरान आया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम को बधाई और शुभकामनाएं देना चाहता हूं, जो कल आईसीसी महिला वनडे विश्व कप का फाइनल खेलेगी.” इससे पहले भी पीएम मोदी ने महिला वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलियाई टीम के अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन को बधाई दी थी. इससे पहले भारतीय टीम अंतिम चार में जगह बनाने से चूक गई थी. वर्ल्ड कप के आखिरी लीग मैच में भारत को जीत की जरूरत थी. लेकिन दक्षिण अफ्रीका के हाथों उसे हार का सामना करना पड़ा.
ऑस्ट्रेलिया का नजर 7वें खिताब पर
वर्ल्ड कप में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड बेहद दमदार है. इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि यह दोनों देश अब तक मिलकर 10 वर्ल्ड कप जीत चुके हैं. लेकिन 34 साल बाद फाइनल में आमने-सामने होंगी. इससे पहले, 1988 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच विश्व कप का फाइनल खेला गया था, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने जीता था. ऑस्ट्रेलिया की नजर रिकॉर्ड सातवें खिताब पर होगी. जबकि डिफेंडिंग चैम्पियन इंग्लैंड खिताब बचाने उतरेगा.
ऑस्ट्रेलिया 22 साल पहले फाइनल हारा था
ऑस्ट्रेलिया इससे पहले साल 2000 में महिला वर्ल्ड कप का फाइनल हारा था. तब उसे न्यूजीलैंड ने एक रोमांचक मुकाबले में 4 रन से शिकस्त दी थी. उस साल इंग्लैंड पांचवें स्थान पर रहा था. जो वर्ल्ड कप में उसका सबसे खराब प्रदर्शन था. हालांकि, इसमें सुधार करते हुए इंग्लिश टीम ने 2009 में वर्ल्ड कप जीता था.
इस वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलियाई टीम अब तक 1 भी मुकाबला नहीं हारी है. टीम लीग स्टेज के सभी 7 मैच जीतकर पॉइंट्स टेबल में टॉप पर रही थी.
इसके बाद पहले सेमीफाइनल में 45 ओवर में 305 रन का पहाड़ जैसा लक्ष्य खड़ा कर वेस्टइंडीज को 157 रन के बड़े अंतर से मात दी थी. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के लिए एलिसी हीली ने 129 और रेचल हेंस ने भी 85 रन बनाए थे. दूसरी तरफ, इंग्लैंड के लिए महिला वर्ल्ड कप के फाइनल तक का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा. डिफेंडिंग चैम्पियन इंग्लैंड ने लीग स्टेज में लगातार तीन मैच हारे थे. इसके बाद टीम फाइनल तक पहुंचने में एक भी मुकाबला नहीं हारी. इंग्लैंड ने दूसरे सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका को 137 रन से शिकस्त दी थी.