नवरात्रि वर्ष में चार बार होती है- माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन। नवरात्रि से वातावरण के तमस का अंत होता है और सात्विकता की शुरुआत होती है। माता रानी के सभी भक्त इन 9 दिनों को बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाते हैं। नवरात्रि के नौ दिन तक मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है।
साथ ही माता के भजन कीर्तन कर सभी भक्त अपने व्रत को सफल करते हैं। नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाता है। इनकी विधि पूर्वक उपासना से ज्ञान की प्राप्ति होती है। साथ ही लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस बार मां ब्रह्मचारिणी की पूजा 3 अप्रैल को हो रही है। माना जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से ज्ञान की प्राप्ति और बुद्धि का विकास होता है।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि और मंत्र
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में पीले या सफेद रंग का विशेष महत्व है। ऐसे में माता की पूजा पीले या सफेद वस्त्र पहनकर करें। साथ ही माता को सफेद चीजें अर्पित करें। पूजन में शक्कर, मिश्री या पंचामृत का का इस्तेमाल करना शुभ है। पूजा के दौरान ‘ओम् ऐं नमः’ मंत्र का जाप कर सकते हैं। इसके अलावा फलाहार में मखाना या सिंघाड़े का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कर सकते हैं ये खास उपाय
इस दिन सफेद वस्त्र धारण करके पूजा करनी चाहिए। माता को चांदी की वस्तुएं भी समर्पित कर सकते हैं। इसके अलावा इस माता को शक्कर का भोग लगाएं। साथ ही उस प्रसाद को परिवार के सदस्यों के बीच बांटें। ऐसा करने से परिवार के सभी सदस्यों को लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है।