प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की। बैठक में प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली और पंजाब में कोविड-19 से निपटने की रणनीति और प्रबंधन की जानकारी ली। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में देश ने जो संयम, संवेदना और संवाद का प्रदर्शन दिखाया है, वह हमें आगे भी जारी रखना है। संक्रमण के खिलाफ लड़ाई के साथ आर्थिक मोर्चे पर भी पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि मास्क पहनने को आदत बनाना मुश्किल है, लेकिन हमें तब तक इच्छित परिणाम नहीं मिल पाएंगे जब तक हम इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा नहीं बना लेते हैं।
मोदी ने कहा कि देश में 700 से अधिक जिले हैं, लेकिन कोरोना के जो बड़े आंकड़े हैं वो सिर्फ 60 जिलों में हैं, वो भी 7 राज्यों में। मुख्यमंत्रियों को सुझाव है कि एक 7 दिन का कार्यक्रम बनाएं और प्रतिदिन 1 घंटा दें। वर्चुअल तरीके से हर दिन 1 जिले के 1-2 ब्लॉक के लोगों से सीधे बात करें। प्रधानमंत्री के मुताबिक जब तक रोजमर्रा में सावधानी नहीं बरतेंगे तब तक कोरोना से जीत नहीं पाएंगे। बीते अनुभवों से समझ में आया है कि एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच सेवाओँ और सामान की आवाजाही में सामान्य नागरिकों को अनावश्यक परेशान होना पड़ा।
मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा कि बीते महीनों में कोरोना इलाज से जुड़ी जिन सुविधाओं का विकास किया है, वो हमें कोरोना से मुकाबले में बहुत मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि अब कोरोना से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को तो मजबूत करना है, जो हेल्थ से जुड़ा, ट्रैकिंग-ट्रेसिंग से जुड़ा नेटवर्क है, उनकी बेहतर ट्रेनिंग भी करनी है। अलग-अलग राज्यों में वीकेंड लॉकडाउन की परंपरा को इशारों में समाप्त करने का आग्रह करते हुए पीएम ने कहा कि जो 1-2 दिन के लोकल लॉकडाउन होते हैं, वो कोरोना को रोकने में कितना प्रभावी हैं, हर राज्य को इसका अवलोकन करना चाहिए। मोदी ने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि इस वजह से आपके राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने में दिक्कत हो रही है और आग्रह किया कि सभी राज्य इस बारे में गंभीरता से सोचें