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2500 करोड़ में बिक रही CM की कुर्सी, कांग्रेस का BJP पर बड़ा आरोप

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक क्षेत्र में आरोपों और अटकलों का दौर शुरू हो गया है. ताजा मामला तब सामने आया, जब कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी में मुख्यमंत्री की कुर्सी भारी मात्रा में बिक्री के लिए है. इसके साथ ही यह भी दावा किया गया कि पार्टी चुनावों से पहले नेतृत्व बदल देगी और उसने यह प्रथा को कुछ राज्यों में भी अपनाया है. कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा, ‘कर्नाटक में सीएम की कुर्सी 2,500 करोड़ रुपए में बिक रही है.’

उनके इस बयान पर कर्नाटक के मंत्री प्रभु बी चौहान ने कहा कि बीके हरिप्रसाद और सिद्धारमैया जैसे कांग्रेस नेताओं को इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए और अधिक जिम्मेदार होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि बीके हरिप्रसाद जैसे नेता जो एक सांसद थे और केंद्रीय राजनीति में थे, उन्हें जिम्मेदारी के साथ बयान देना चाहिए. चौहान ने कहा, ‘यह सारी अटकलें निराधार हैं और कर्नाटक में ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई अच्छा कर रहे हैं और वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे, जिनके नेतृत्व में भाजपा अगला विधानसभा चुनाव लड़ेगी.’

मुझसे 2500 करोड़ देने के लिए कहा गया- बीजेपी विधायक

कांग्रेस विधायक के इन आरोपों के बाद राज्य में एक बार फिर कर्नाटक में भाजपा विधायक बसनगौड़ा यतनाल के उस दावे की याद ताजा कर दीं, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनने के लिए 2500 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया था. उनके इस बयान के बाद कर्नाटक में एक बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया था. उन्होंने कहा कि एक ऐसे एजेंट थे, जिन्होंने उनसे कर्नाटक में शीर्ष पद पाने के लिए मोटी रकम देने को कहा था.

‘प्रस्ताव देने वाले चोरों पर भरोसा मत करो’

एक पार्टी कार्यक्रम में बोलते हुए यतनाल ने कहा, ‘राजनीति में एक बात समझो. इन चोरों पर विश्वास मत करो जो प्रस्ताव बनाकर आते हैं. एक बार मुझसे कहा गया था कि 2500 करोड़ देने पर मुझे सीएम बनाया जाएगा.’ भाजपा नेता ने कहा, ‘मैं खुद सोच रहा था कि उन्हें क्या लगता है कि 2500 करोड़ क्या हैं? वे यह पैसा कहां रखेंगे? इसलिए टिकट की पेशकश करने वाली ये कंपनियां एक बड़ा घोटाला हैं.’ भाजपा विधायक की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने यतनाल के आरोपों की जांच की मांग करने में देर नहीं की थी. शिवकुमार ने कहा था कि यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है और इसकी जांच की जरूरत है.