इस समय देश के अनेक स्थानों पर मूसलाधार बारिश (torrential rain) का दौर जारी है। एक तरफ जहां बारिश कहर बरपा रही है तो वहीं कई जगह अभी बारिश (torrential rain) के इंतजार किया जा रहा है। आपको बता दें कि पिछले दो दिनों में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड और उत्तर प्रदेश (Uttarakhand, Jharkhand and Uttar Pradesh) में के कुछ हिस्से में हो रही भारी बारिश ने काफी तबाही मचाई।
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और बादल फटने के कारण 22 लोगों की मौत हो गई। वहीं, उत्तराखंड में चार लोगों की जान चली गई, जबकि 13 लापता हैं। झारखंड में बारिश के कारण चार लोगों की मौत हो गई, जबकि सात लोग नदियों की तेज धाराओं में बह गए।
तो वहीं हिमाचल प्रदेश में बारिश ने कहर बरपाया है। बीती रात से मूसलाधार बरसात हो रही है। इस वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। राज्य के कई जिलों में भारी नुकसान हुआ है। भूस्खलन से नौ मकान धराशायी हो गए हैं। मंडी, चम्बा और हमीरपुर जिलों में चार लोगों की मौत हो गई और 15 लापता हैं। लापता लोग मलबे में दबे हैं।तेज बारिश की वजह से बचाव दलों को रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आ रही है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जनहानि पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करने की प्रार्थना की है। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों की हर सम्भव मदद की जाएगी।
राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के मुताबिक चम्बा जिला की चुआडी तहसील के बनेट गांव में स्लेटपोश मकान के ढहने से दम्पति और उनके नौ वर्षीय बेटे की मौत हो गई। मंडी जिला के गोहर उपमण्डल के काशन गांव में दो मकानों के ध्वस्त होने से सात लोग मलबे में दब गए हैं। इन्हें निकालने के लिए बचाव टीमें भरसक प्रयास कर रही हैं।
मंडी जिला के बागी के समीप पराशर सड़क पर भूस्खलन से 4-5 वाहनों को नुकसान पहुंचा। मंडी-कटौला-पराशर मार्ग पर बागी नाला में बादल फटने से आई बाढ़ से कई घरों को नुकसान पहुंचा है। यहां बाढ़ की चपेट में आने से एक परिवार लापता है। राहत व बचाव कार्य में लगे लोगों को एक बच्ची का शव मिला है, जबकि अन्य आठ लोग लापता हैं। बादल फटने के बाद बागी से पुराने कटौला तक दर्जनों परिवारों ने अपने घर छोड़ कर सुरक्षित जगहों पर रात बिताई।
बागी नाले पर पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह कस्बे थुनाग बाजार में भी नाले की बाढ़ ने दर्जनों दुकानों और वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। थुनाग बाजार में भी भारी तबाही हुई है।हमीरपुर जिले के सुजानपुर में ब्यास नदी में आई बाढ़ से खीरी गांव के एक दर्जन घर खतरे की जद में आ गए हैं। लगभग 22 गांववासी सैलाब में फंस गए हैं। इनमें 18 लोगों को रेस्कयू कर लिया गया है।
शिमला जिला के ठियोग कस्बे में भूस्खलन से चार वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। सुन्नी इलाके के मझिवार और मंजु गांवों को जोड़ने वाला पुल धराशायी हो गया है। हालांकि इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। शिमला शहर के आरटीओ के पास मुख्य सड़क के धंसने से यातायात को एकतरफा किया गया है।
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार कांगड़ा में सर्वाधिक 346 मिलीमीटर वर्षा हुई है। धर्मशाला में 333 और जोगिन्दरनगर में 210 मिलीमीटर वर्षा हुई है। विभाग ने 24 अगस्त तक प्रदेश के मैदानी और मध्य पर्वतीय भागों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है।