Breaking News

21 जून को मनेगा इंटरनेशनल योगा डे, दिल-दिमाग स्‍वस्‍थ रखने करें सूर्य नमस्कार, जाने अन्‍य फायदे

21 जून को हर साल इंटरनेशनल योगा डे (International Yoga Day) सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में योग की प्रेक्टिस के कई फायदों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। योग के जरिए सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा दिया जाता है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य (Physical and mental health) के लिए योग फायदेमंद होता है। यह मन को भी शांति देता है। फिट रहने के लिए आप रोजाना सूर्य नमस्कार कर सकते हैं। सूर्य को नमन करने के लिए 12 मुद्राओं से मिलकर बने सूर्य नमस्कार के कई फायदे हैं। इन फायदों को जानकर आप भी इस आसन को करना शुरू कर देंगे।

सूर्य नमस्कार के फायदे

– हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।

– तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है।

– मांसपेशियों को खींचने, मोड़ने और टोन करने में मदद करता है

– वजन घटाने के लिए ये बेहतरीन है।

– इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।

– ओवर ऑल हेल्थ में सुधार करता है।

– इस आसन को करने से शरीर मजबूत बनता है और मन को आराम मिलता है।

कैसे करें सूर्य नमस्कार

प्रणामासन- प्रार्थना मुद्रा में दोनों पैरों को जोड़कर सीधे खड़े हो जाएं। अब गहरी सांस लें व छोड़ें और दोनों हाथों को आपस में जोड़ लें और शुरू करे। नमस्कार मुद्रा में रहते हुए ही हाथओं को उपर की ओर उठाएं और शरीर और दोनों हाथों को पीछे की ओर लेकर जाएं।

हस्तउत्तनासन- फिर दोनों हाथों को आगे की ओर लेकर आएं और सीधे खड़े हो जाएं। फिर दोनों हाथों से जमीन को छूएं और इस दौरान घुटनों को सीधा रखें और घुटनों को सिर से छूएं।

पादहस्तासन-अब दांए घुटने को मोड़ते हुए पावं पीछे की ओर लेकर जाएं। कुछ देर के लिए गर्दन को उपर की ओर उठाएं फिर इसी मुद्रा में बने रहें।

अश्वसंचालासन- अब दाएं पैर के साथ बाएं पैर को पीछे की ओर लेकर जाएं। इसमें दोनों पैरों की एड़ियों को जोड़कर शरीर को पुशअप की मुद्रा में ले आएं।

अधोमुखश्वानासन- अब दाएं पैर के साथ बाएं पैर को पीछे की ओर लेकर जाएं। इसे करने के लिए दोनों पैरों की एड़ियों को जोड़कर शरीर को पुशअप की मुद्रा में ले आएं।

अष्टांगनमस्कारासन- इसके लिए पेट के बल ज़मीन पर लेट जाएं। इस दौरान छाती से लेकर घुटनों तक सभर अंगों को जमीन से छूएं। फिर सांस लें और छोड़ें।

भुजंगासन- अब दोनों हथेलियों को जमीन से चिपका लें और गर्दन को उपर की ओर उठाएं। सिर को पीछे की ओर जितना हो उतना लेकर जाएं। अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें।

पर्वतासन- इस आसन को करने के लिए अब शरीर को उपर की ओर उठाएं। हाथों और पैरों को जमीन से लगाकर रखें और कमर से शरीर को उपर उठाएं। ।

दक्षिण अश्व संचालनासन- इस योग मुद्रा को करते हुए बाएं घुटने को मोड़ लें और दाएं घुटने को पीछे की ओर लेकर जाएं। इस करते समय सिर उपर की ओर रखें।

पादहस्तासन- सीधे खड़े हो जाएं। पीठ को सीधा रखें और दोनों हाथों से पैरों को छूने की कोशिश करें।

हस्तउत्तानासन- दोनों हाथों को जोड़ते हुए, सीधे खड़े हों। दोनों पैरों को एक दूसरे के साथ जोड़ लें। आंखों को बंद रखें और गहरी सांस लें।

ताड़ासन- अब सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को नीचे ले आएं। गहरी सांस लें और छोड़ें।

अब इस दूसरे पैर से दोहराएं