नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 25 दिसंबर को जानकारी दी कि एक दिन पहले FASTag के जरिए टोल कलेक्शन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। 24 दिसंबर को फास्टैग के जरिए 80 करोड़ से अधिक का टोल कलेक्शन हुआ। अब हर रोज 50 लाख से अधिक के ट्रांजैक्शन भी हो रहे हैं। अभी तक 2।20 करोड़ फास्टैग इशू किए जा चुके हैं, हालांकि कुछ ही दिनों के भीतर इनकी संख्या में बढ़ोतरी होगी क्योंकि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट कर दिया है कि 1 जनवरी 2021 से सभी चार पहिया गाड़ियों में फास्टैग लगाना अनिवार्य होगा फास्टैग को लेना इसलिए भी जरूरी हो गया है क्योंकि अब अगले साल 1 अप्रैल 2021 से इसके बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस भी नहीं हो पाएगा। 1 जनवरी आने में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं, ऐसे में किसी भी समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि इसे जल्द से जल्द बनवा लें।
फास्टैग सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय और एनएचएआई की पहल है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन तकनीक है। एक एक रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान टैग है, जिसे गाड़ियों के आगे के शीशे पर लगाया जाता है। टोल प्लाजा से गुजरने पर वहां लगा सेंसर इसे रीड करता है और जब फास्टैग लगी हुई गाड़ी जब टोल प्लाजा से गुजरती है तो टोल टैक्स फास्टैग से जुड़े प्रीपेड या बचत खाते से खुद ही कट जाता है।
यहां से ले सकते हैं फास्टैग
– टोल प्लाजा
– राष्ट्रीय राजमार्ग पर मौजूद पेट्रोल पंप
– आरटीओ
– एनएचएआई ऑफिस
– ई-कॉमर्स वेबसाइट जैसे कि अमेजन, फ्लिपकार्ट, पेटीएम इत्यादि
– बैंक्स (आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, एक्सिस इत्यादि)
– मोबाइल बैंकिंग ऐप्स
– माय फास्टैग ऐप, सुखद यात्रा ऐप
– एनएचएआई, आईएचएमसीएल, एनपीसीआई वेबसाइट्स
इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
– गाड़ी की आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट)
– गाड़ी के मालिक के मुताबिक केवाईसी डॉक्यूमेंट्स
– ड्राइविंग लाइसेंस
– वोटर आईडी कार्ड
– पैन कार्ड
– आधार कार्ड (पते के साथ)
– पासपोर्ट
– इन दोनों डॉक्यूमेंट्स के अलावा इंडिविजुअल को आईडीप्रूफ और एड्रेसप्रूफ के लिए नीचे दिए दिए डॉक्यूमेंट की कॉपी देनी होगी और एक पासपोर्ट साइज की फोटोग्राफ लगेगी।