उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ हुई बर्बरता ने हर किसी को चौंका दिया। इस घटना के बाद देशभर की जनता भड़की हुई है। एक तरफ आरोपी और उत्तर प्रदेश की पुलिस के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे है। तो साथ ही विपक्षी दल भी सड़कों पर यूपी की योगी सरकार के खिलाफ हंगामा मचा रहा है लेकिन इन सबके बीच हाथरस कांड में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी एक्शन मोड पर है। हाथरस कांड में योगी सरकार की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है। दरअसल सीएम योगी ने हाथरस के एसपी, डीएसपी समेत 5 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है। योगी सरकार ने अधिकारी समेत पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ एक और फैसला लिया है।
योगी की कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर मौजूद एसपी विक्रम वीर, डीएसपी राम शब्द, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, उप निरीक्षक जगवीर सिंह तथा हेड मुर्रा महेश पाल को सस्पेंड कर दिया है। हालांकि इससे पहले खबर आई थी कि हाथरस कांड में डीएम प्रवीण कुमार पर भी कार्रवाई की गई है लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। सीएम योगी की इस कार्रवाई के बाद एसपी विक्रांत वीर की जगह अब विनीत जयसवाल को हाथ का नया एसपी नियुक्त किया गया है। वहीं, एसपी, डीएसपी समेत 5 पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई के साथ सीएम योगी ने एक और बड़ा आदेश सुनाया है। हाथरस कांड में पीड़ित परिवार और आरोपियों का भी नार्को टेस्ट करवाया जाएगा। इसके साथ ही इस केस में संबंधित पुलिस टीम का भी नार्को टेस्ट करवाया जाएगा।
पुलिसकर्मियों का होगा पॉलीग्राफी टेस्ट
बता दें कि हाथरस में हुई घटना को प्रशासन द्वारा जिस तरीके से हैंडल किया गया। उसे देख योगी आदित्यनाथ अधिकारियों और पुलिसकर्मियों से काफी ज्यादा नाराज है। इसी वजह से सीएम योगी की ओर से इस तरीके से निर्देश दिए गए है। इस निर्देश के तहत चंदपा थाने के पुलिसकर्मियों, वादी, प्रतिवादी सभी का पॉलीग्राफी टेस्ट होगा। इसके अलावा गैंगरेप पीड़िता के परिवार की ओर से DM प्रवीण कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। पीड़िता के परिवार ने प्रशासन पर डराने, धमकाने और दबाव डालने का आरोप लगाया था। जिस वजह से जिलाधिकारी प्रवीण कुमार और एसपी सीएम योगी के निशाने पर आ गए है।
डीएम पर लगे आरोप
वहीं, गुरुवार को हाथरस कांड में डीएम प्रवीण कुमार का एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में डीएम पीड़ित परिवार को धमकाने की कोशिश कर रहे थे। वीडियो में डीएम कह रह थे कि मीडिया वाले तो चले जाएंगे, लेकिन प्रशासन को यहीं रहना है। इस वीडियो के सामने आने के बाद हाथरस के पीड़ित परिवार ने डीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनको धमकाया जा रहा है। केस को रफा-दफा करने के लिए दवाब डाला जा रहा है।
विपक्ष ने किया हंगामा
हाथरस में हुई घटना के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ पूरा विपक्ष सड़क पर उतर गया है। उत्तर प्रदेश ही नहीं, देश के हर कौने में नेता प्रदर्शन कर रहे है। इसी बीच, इस मामले पर योगी आदित्यनाथ के कार्रवाई पर कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रियंका गांधी ने सीएम योगी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ मोहरों को सस्पेंड करने से क्या होगा? हाथरस की पीड़िता, उसके परिवार को भीषण कष्ट किसके ऑर्डर पर दिया गया? हाथरस के डीएम, एसपी के फोन रिकार्ड्स पब्लिक किए जाएं।
वहीं, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी पीड़ित परिवार के नार्को टेस्ट पर सवाल उठाए है। संजय सिंह ने कहा कि कि ये क्या अन्याय है योगी जी? गुड़िया तो अपने साथ हुई दरिंदगी का बयान देकर दुनिया से चली गई। उसका शव जबरन जला दिया गया। सारे सबूत मिटा दिये गये। अब परिवार का नार्को टेस्ट करायेंगे। क्या उस गुड़िया के बयान पर भरोसा नहीं?