देशभर में कोरोना महामारी का कहर जारी है. सालभर होने को आए हैं लेकिन इस वायरस का तांडव अभी भी देखने को मिल रहा है. हालांकि बीते स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने घोषणा करते हुए हर नागरिक को नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के अंतर्गत हेल्थ कार्ड (Health card) जारी करने की बात कही थी. लेकिन इसी बीच एक बार फिर इशारों में PM ने इस बात के संकेत दिए हैं कि, ‘डिजिटल हेल्थ आईडी (Digital Health ID) का प्रयोग टीकाकरण सुनिश्चित करने के मकसद से इस्तेमाल किया जाएगा.’ दरअसल ‘ग्रैंड चैलेंजेस’ की वार्षिक मीटिंग का नेतृत्व करते हुए उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि कोरोना महामारी (COVID-19 in India) का टीका (Corona Vaccine) विकसित करने के मामले में भारत एडवांस स्तर पर है.
इसके साथ ही पीएम मोदी ने ये बात भी कही कि, ‘देश के एक्सपीरियंस और टैलेंट शोध के हिसाब से भारत ग्लोबल हेल्थ सेवाओं के केंद्र में होगा. साथ ही ये उम्मीदें है कि देश इस मामले में दूसरे देशों की भी मदद करेगा. साथ ही पीएम मोदी ने अपने भाषण में ये याद भी दिलाया कि वैश्विक टीकाकरण के कार्यक्रम में भारत 60 प्रतिशत उत्पादन करता है. आगे पीएम मोदी ने कहा कि, ‘भारत एक वेल इस्टैबलिस्ड वैक्सीन डिलिवरी सिस्टम के काम में लगा हुआ है, और डिजिटल हेल्थ आईडी के साथ इस डिजिटल नेटवर्क का इस्तेमाल देश की जनता के टीकाकरण को सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा.’
पीएम मोदी यहीं नहीं रूके आगे उन्होंने कहा कि, ‘भारत के आकार और विविधता ने ग्वोबल कम्यूनिटी को हमेशा ही उत्साहित किया है. उन्होंने ये भी बताया कि हमारा देश संयुक्त राज्य अमेरिका की जनसंख्या के मुकाबले चार गुना ज्यादा है. यहां तक कि देश के कई राज्य ऐसे हैं जो यूरोपीय देशों के बराबर हैं. अब तो कोरोना से होने वाली मृत्यु दर भी भारत में बहुत कम हो गई है.
गौरतलब है कि स्वंतत्रता दिवस पर अपने भाषण में PM मोदी ने डिजिटल कार्ड के बारे में बात करते हुए कहा था कि, ‘देश के हर एक नागरिक को हेल्थ आईडी सौंपी जाएगी. जो हर भारतीय के स्वास्थ्य खाते के जैसे काम करेगी. इसके तहत आपके सभी टेस्ट, हर बीमारी, आपने किस डॉक्टर से सलाह ली थी, कौन-सी दवाईयां आपको दी गई थी, उनका क्या डाइग्नोसिस रहा था, कब-कब आपने दवाई खाई थी, उसके बाद क्या रिपोर्ट आई थी, से संबंधित सारी जानकारी आपके इस हेल्थ आईडी में दर्ज होंगी.