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सैकडों सालों से देशभर में फैली है देवबंद के मन्केश्वर महादेव मंदिर की ख्याति, महा शिवरात्रि पर्व पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने मन्केश्वर महादेव और नागेश्वर मंदिर में पहुंचकर किया भगवान शिव का जलाभिषेक

रिपोर्ट:- गौरव सिंघल, विशेष संवाददाता,दैनिक संवाद, सहारनपुर मंडल,उप्र:।।

देवबंद (दैनिक संवाद न्यूज)।
 देवबंद के श्री मनकेश्वर महादेव मंदिर की ख्याति सैकडों सालों से देशभर में फैली हुई है। मनकेश्वर महादेव मंदिर में स्वंय प्रगट शिवलिंग विराजमान है। आज महा शिवरात्रि पर्व पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने मनकेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया।प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महा शिवरात्रि पर्व देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व आज 18 फरवरी दिन शनिवार को बडे श्रद्धाभाव के साथ मनाया जा रहा है। देवबंद नगर से करीब चार किमी. दूर गांव मानकी में स्थित मनकेश्वर महादेव मंदिर में स्वंय प्रगट शिवलिंग विराजमान हैं। जिसकी देशभर में दूर-दूर तक बडी़ मान्यता है। यहां पर श्रद्वालु अपनी मन्नते पूरी करने पहुंचते हैं। किंवदंती के अनुसार कई सौ साल पहले जब एक मुस्लिम गाड़ा किसान खेत जोत रहा था तो हल की फाली लगने से जमीन में से दूध की धार निकली। जिसे देखकर वह डर और सहम गया और उस जगह मिटटी डालकर घर चला गया। अगले दिन वहां शिवलिंगनुमा पत्थर के उभर कर बाहर आने से उसके विस्मय का ठिकाना न रहा।
उसने इसकी चर्चा गांव में की तो चर्चा देवबंद नगर तक पहुंची। उसी दौरान यहां के एक वैश्य परिवार के सदस्य को ख्वाब में भगवान शिव ने दर्शन देते हुए बताया कि उस पत्थर में उनका वास है। उस जगह शिव मंदिर बनाने और वहां उस पत्थर की स्थापना के बाद पूजा-अर्चना करने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और क्षेत्र में सुख और शांति का वास होगा। उस सज्जन ने अपने सपने की चर्चा हिंदू समाज के बीच की तो लोगों ने वहां मंदिर बनाकर स्वंय प्रगट शिवलिंग की स्थापना कर दी। जानकारी के मुताबिक मंदिर बनाने के लिए किसान ने अपनी भूमि मंदिर को दान दे दी। तभी से हजारों श्रद्वालु वहां रोज आमतौर से और सावन माह के दौरान खासतौर से जल और बेल पत्ती एवं पुष्प चढाने नियम के साथ जाते हैं। यह सिलसिला लगातार जारी है। वक्त के साथ इस मंदिर की ख्याति दूर तक फैल गई और वहां महा शिवरात्रि को बडा मेला लगने लगा। जिसमें पश्चिमी उ.प्र. के दूरस्थ स्थानों के हजारों श्रद्वालु भक्ति-भाव से भाग लेते हैं। देवबंद में महा शिवरात्रि केे त्यौहार पर देवबंद-रूडकी मार्ग स्थित ऐतिहासिक एवं विख्यात मनकेश्वर महादेव मंदिर समेत नगर के अन्य सभी शिव मंदिरों में बीती रात्रि 12 बजे के बाद सेे ही जल चढाने और शिवलिंग के दर्शन करने को लेकर भारी संख्या में श्रद्वालुओं का तांता लगना शुरू हो गया।
आज पूरे दिन भक्ततजन भगवान शिव का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना करेंगे। श्रद्धालुओं द्वारा आज व्रत भी रखा गया है। महा शिवरात्रि के अवसर मानकी स्थित मनकेश्वर मंदिर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भव्य मेले का आयोजन किया गया। मनकेश्वर महादेव मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्वालुओं ने शिवलिंग पर जल चढाकर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने का काम किया। हमेशा से ही महा शिवरात्रि के पर्व पर मनकेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की अपार भीड लगी रहती है। जिसका क्रम अबकी बार भी जारी रहा। शुक्रवार रात्रि 12 बजे से ही ऊं नमः शिवाय की गूंज से शिवालय गूंजने लगें। भक्तों द्वारा भगवान शिव का दूध और गंगाजल से अभिषेक किया गया। फूल, बेलपत्री और बेर भी भगवान शिव को अर्पित किए गए। वहीं, गांव घ्याना स्थित लाखों लोगों की आस्था के केंद्र श्री सिद्धपीठ भगवान नागेश्वर मंदिर का निर्माण यूं तो करीब दो दशक पूर्व गांव के पूर्व प्रधान एवं ग्रामीणों के सहयोग से किया गया था लेकिन इसके अंदर स्थित शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि वह सैकड़ों वर्षों से यहां एक बरगद के पेड़ में स्थित था। जिसकी गांव वाले पूजा करते चले आ रहे है। गांव के वृद्ध लोग बताते हैं कि बात प्रचलित है कि पुराने समय में यहां ऊंचाई पर एक बस्ती थी जो किसी कारण पलट कर तबाह हो गई थी ऐसा क्यों हुआ यह तो कोई नहीं जानता लेकिन उसके बाद यहां निचले भाग में गांव बसा दिया गया। जिसका नाम घ्याना रखा गया और उसी समय से गांव में स्थित बरगद के पेड़ के अंदर रखे शिवलिंग की गांव के लोग पूजा करते चले आ रहे हैं। आस्था के प्रतीक इस मंदिर में प्रत्येक सप्ताह के सोमवार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है और महा शिवरात्रि में दूर-दूर से श्रद्धालु इस मंदिर में आकर जलाभिषेक कर मन्नतें मांगते है। आज भी महा शिवरात्रि पर दूर-दूर से श्रद्धालुओं ने इस मंदिर में आकर भगवान शिव को जलाभिषेक किया।