Breaking News

सहारनपुर में तीन साल का कार्यकाल पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि हांसिल करने वाले अखिलेश सिंह बने पहले जिलाधिकारी, अभी उनकी पारी यहां जारी है

रिपोर्ट:-सुरेंद्र सिंघल, वरिष्ठ पत्रकार,सहारनपुर मंडल,उप्र:।।सहारनपुर (दैनिक संवाद न्यूज)। 

स्वतंत्र भारत के 75 वर्षों में सहारनपुर में अभी तक 60 जिलाधिकारी हुए हैं। लेकिन उनमें वर्तमान जिलाधिकारी अखिलेश सिंह तीन साल की अवधि पूरी करने वाले पहले जिलाधिकारी बन गए हैं। अभी उनकी पारी यहां जारी है। लगता यह है कि भविष्य में भी शायद कोई जिलाधिकारी इतनी लंबी अवधि तक रहकर इनका रिकार्ड तोड़ सके। 56 वर्षीय और 2008 बैच के आईएएस अखिलेश सिंह 26 फरवरी 2020 को यहां के डीएम बने थे और अभी उनकी पारी जारी है। यहां वह इसी मंडल के शामली जनपद से स्थानांतरित होकर आए थे। अखिलेश सिंह की विशेषता है उनका शांत स्वभाव, निष्पक्ष कार्यप्रणाली और संकल्प एवं दृढ़ता के साथ कामकाज का निस्तारण, विवादों से दूर रहना, धैर्यपूर्वक पूरे वक्त तक अपने कार्यालय में बैठकर लोगों की जनसमस्याएं सुनकर उनका निस्तारण आदि शामिल है।

पूर्व आईपीएस और सहारनपुर में दो वर्ष डीआईजी रहे एवं कुलपति डा. अशोक कुमार राघव कहते हैं कि अखिलेश सिंह कभी भी पूर्वाग्रह ग्रस्त नहीं रहते हैं। यह बहुत ही दुर्लभ गुण है। सहारनपुर जिले के लोग उन्हें पसंद भी करते हैं और सराहते भी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अखिलेश सिंह की कार्यप्रणाली और कामकाज दोनों से गहरे से प्रभावित हैं। अखिलेश सिंह को योगी आदित्यनाथ का पसंददीदा और नजदीकी अधिकारी भी माना जाता है। इसी के साथ 1998 के बैच और उत्तर प्रदेश कैडर के बिहार के पटना निवासी एवं कानपुर आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग में बी-टेक और इंग्लैंड के लंदन कालेज से पब्लिक पालिसी में एमएससी करने वाले आलोक कुमार गुप्ता का कार्यकाल भी लंबा और उल्लेखनीय रहा। वह सहारनपुर में दो साल 9 माह 24 दिन डीएम रहे।

 

आलोक गुप्ता 1 अप्रैल 2008 से 24 जनवरी 2011 तक यहां रहे। अभी कुछ दिनों पूर्व तक वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव के पद पर कार्यरत थे और वर्तमान में वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उच्च प्राथमिकताओं वाले कार्य कर रहे हैं। एक अन्य जिलाधिकारी केदारनाथ सिंह का भी सहारनपुर में काफी लंबा कार्यकाल रहा है। 11 मार्च 1980 से 4 दिसंबर 1982 तक यहां के डीएम रहे। बाद में वह कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को संभालने के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर भी रहे। दिलचस्प यह है कि केएन सिंह के नाम से ज्यादा जाने वाले केदारनाथ सिंह ने आईएएस की लिखित परीक्षा में देश में 10वां स्थान प्राप्त किया था। लेकिन साक्षात्कारकर्त्ताओं का दिल नहीं जीत पाए और आईएएस में चयनित होने से वंचित रह गए। बाद में वह पीसीएस बने और कुछ वर्षों की सेवा के बाद आईएएस के रूप में पदोन्नत हुए।

सहारनपुर के अलावा वह गाजियाबाद और बहराइच के भी डीएम रहे। सहारनपुर में उनका कार्यकाल दो साल 9 माह 17 दिन का रहा। दुःखद यह है कि 6 अक्टूबर 2021 को लखनऊ में गोमती नगर स्थित अपने आवास पर 93 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था। उनके एक पुत्र उमेश सिंह पीपीएस और बाद में आईपीएस के रूप में एसएसपी एवं अन्य उच्च पदों पर रहे और उन्होंने भी अपने पिता केएन सिंह की तरह लोकप्रियता पाई और जनविश्वास जीता। लंबी अवधि तक सहारनपुर में चौथे जिलाधिकारी के रूप में हरभजन सिंह का नाम भी शामिल है। वह 19 जुलाई 1993 से 5 सिंतबर 1995 तक सहारनपुर के डीएम रहे। उनकी सबसे बड़ी खूबी यह थी कि अपने पास समस्याएं लेकर आने वाले करीब-करीब शत-प्रतिशत लोगों की समस्याओं का हल कर देते थे। उन्होंने इन पंक्तियों के लेखक से कहा भी था कि वह नहीं चाहते हैं कि समस्याग्रस्त व्यक्ति बार-बार उनके या किसी और के चक्कर काटे। इस कारण वह यहीं नहीं, जहां कहीं भी प्रशासनिक सेवा में रहे, उन्होंने सम्मान और लोकप्रियता हांसिल की। वह सहारनपुर में दो साल एक माह 17 दिन डीएम रहे। केंद्र में उच्च पदों पर रहने के बाद सेवानिवृत्ति के बाद वह वर्तमान में नई दिल्ली में रह रहे हैं।