पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को आरोप लगाया कि जी20 बैठक से पहले सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीर में ‘भय’ का माहौल बनाया है। मुफ्ती ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने जी20 बैठक से पहले युवकों को गिरफ्तार करके और पूरे कश्मीर घाटी में छापेमारी कर भय का माहौल व्याप्त कर दिया है। संबंधित अधिकारी जी20 की अगले सप्ताह होने वाली बैठक को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए सभी इंतजाम कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूलों को बंद कर दिया गया है और दुकानदारों को दुकानें खुली रखने का निर्देश दिया जा रहा है और सुरक्षा एजेंसियां पूरे कश्मीर घाटी में लोगों में डर पैदा कर रही हैं।
उन्होंने कहा, कश्मीर घाटी में हर किसी को धमकी दी जा रही है। उन्होंने कहा, भाजपा कश्मीर को ट्रॉफी की तरह रिप्रेजेंट करना चाहती है ताकि दुनिया को ये आभास हो सके कि कश्मीर में सब कुछ सही है। हम सभी जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर में क्या सही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देश के संविधान को दरकिनार कर अपना एजेंडा चला रही है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच एक पुल था उसे भाजपा ने ध्वस्त कर दिया और इस राज्य के लोगों को दीवार पर धकेल दिया।फिल्म ‘केरल की कहानी’ के बारे में उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से भाजपा सरकार ऐसी फिल्मों को बढ़ावा दे रही है जो समाज में नफरत फैला रही हैं।
मुफ्ती ने कहा कि फिल्म का परिणाम जम्मू मेडिकल कॉलेज में स्पष्ट था, जहां इस फिल्म पर चर्चा के दौरान एक समुदाय के छात्रों को बेरहमी से पीटा गया था।उन्होंने आरोप लगाया, भाजपा सांप्रदायिक आधार पर लोगों को आपस में लड़ाना चाहती है। पहले कश्मीर फाइल्स और अब केरल की कहानी। उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर और बाहर की जेलों में बंद कैदियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर किसी मामले में अदालत में सुनवाई शुरू होती है तो अधिकारी गवाह पेश नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर पीडीपी के पास संसाधन होते तो हम सबसे पहले उन युवाओं के लिए लड़ेंगे जो पिछले पांच साल से जम्मू-कश्मीर और बाहर की जेलों में बंद हैं।