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सीमा विवाद पर चीन को चौतरफा घेरने की हुई तैयारी, भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाया ‘मास्टर प्लान’

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन का सीमा विवाद लगातार जारी है। 15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प से ये तनाव बढ़ता जा रहा है। जिस वजह दोनों देशों की सेना आमने-सामने है। इसी बीच शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का दौरा किया। इस दौरान पीएम मोदी ने सैनिकों के सामने देश की जनता को साफ बताया कि भारत-चीन से शांतिपूर्वक तनाव को कम करने के पक्ष में है लेकिन चीन की हर चाल का मुंहतोड़ जवाब देने का दम भी भारत रखता है। तभी तो भारत ने चीन की हर चाल का जवाब देने के लिए तैयारी पूरी कर ली है लेकिन दूसरी तरफ भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी चीन को चौतरफा घेरने की तैयारी कर ली है। जिसमें भारत का साथ अमेरिका समेत दुनिया के तमाम देश दे रहे है। तभी तो आज कई देशों ने भारत का समर्थन करते हुए चीन को खरी-खोटी सुनाई है।

अमेरिका
चीन-अमेरिका के निशाने पर लगातार रहता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार चीन के खिलाफ बोल रहे है। कोरोना वायरस के चलते डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर कई आरोप लगाए है। इसी बीच डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर भी साफ-साफ शब्दों में कहा है कि LAC पर विवाद के लिए चीन पूरी तरह जिम्मेदार है। बुधवार को व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कायले मैकनेनी ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि सीमा पर आक्रामक रवैया चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का असली चेहरा है। इतना ही नहीं, अमेरिका ने भारत द्वारा चीन की ऐप्स पर लगाए गए प्रतिबंध का भी समर्थन किया है।

फ्रांस
चीन से विवाद के बीच फ्रांस ने भी भारत का समर्थन किया है। फ्रांस के रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने भारत के साथ खड़े रहने का वादा किया है। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक चिट्ठी लिखी। इस चिट्ठी में फ्लोरेंस पार्ली ने लिखा कि, ‘ये सैनिकों, उनके परिवारों और राष्ट्र के खिलाफ एक कठिन आघात था। इस कठिन हालात में, मैं फ्रांसीसी सेना के साथ अपना समर्थन को व्यक्त करना चाहती हूं। फ्रांस की सेना आपके साथ खड़ी हैं।’ इतना ही नहीं, फ्रांस ने विदेश मंत्री ने एस जयशकंर से भी भारत-चीन तनाव पर विस्तृत चर्चा की।

जापान
चीन को आंख दिखाते हुए जापान ने भी सीमा विवाद पर भारत का समर्थन किया है। जापान ने चीन के इस रवैये का विरोध किया है। जापान के भारत में राजदूत सतोषी सुजूकी ने भारतीय विदेश सचिव हर्ष श्रींगल से मुलाकात के बाद एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘भारत सरकार के शांतिपूर्व समाधान के प्रयासों की मैं तारीफ करता हूं। जापान आशा करता है कि इस विवाद का शांतिपूर्वक समाधान होगा।’ बता दें कि जापान और चीन के बीच सेनकाकू द्वीप को लेकर भी तनातनी का माहौल है।

ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया ने भी इस पूरे विवाद पर भारत का समर्थन किया है। ऑस्ट्रेलिया ने चीन और अमेरिका के बढ़ते तनाव के बीच अपना सैन्य बजट बढ़ाने का ऐलान किया है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र में अमेरिका और चीन में बढ़ते तनाव के बीच वो अपने सैन्य खर्चों का बजट बढ़ाएंगे। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि वो अगले 10 साल में सेना का बजट 270 अरब ऑस्ट्रेलियन डॉलर करेंगे। ये 40 फ़ीसदी की बढोत्तरी है।

ASEAN देश
दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों (ASEAN) के नेताओं ने चीन के खिलाफ सख्त टिप्पणी की है। आसियान देश के नेताओं ने कहा कि 1982 में हुई संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि के आधार पर दक्षिण चीन सागर में संप्रभुता का निर्धारण किया जाना चाहिए। चीन ने इन कुछ सालों में समुद्री क्षेत्र पर अपना दबाव बनाने के लिए आक्रामक रुक अपनाया है।