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सीने में जलन आँखों में तूफान सा क्यों है, इस शहर में हर शख्स परेशान सा क्यों है…

सीने में जलन आँखों में तूफान सा क्यों है, इस शहर में हर शख्स परेशान सा क्यों है… गमन फिल्म की यह पंक्तियां कोरोना की महामारी पर चरितार्थ हो रही हैं। कोरोना के कोहराम से देश के हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं। कोरोना के नए वेरिएंट्स ने भारत में सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। कोरोना की इस दूसरी लहर में लोगों को ऐसा संक्रमण हो रहा है, जिसमें बहुत कम दिन में ही उनकी हालत बेहद गंभीर हो जा रही है। लोगों की जिन्दगी के लिए यह नया वेरिएंट्स खतरा बन चुका है। ऐसे में कोरोना के कुछ लक्षणों से पहले सावधानी करना होगा। कोरोना वायरस से संक्रमित हुए मरीजों के सीने में दर्द होना बहुत ही सामान्य लक्षण है। सामान्य मामलों में भी यह लक्षण देखा जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। सीने में होने वाली दर्द को अनदेखा नहीं करना है। संक्रमण के कारण सीने में दर्द होने की वजह अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में इंफेक्शंस, संक्रमण होना है। संक्रमण की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मरीज को सीने में दर्द के साथ बेचैनी और सांस लेने में दिक्कत भी हो सकती है।

 

कई कोरोना संक्रमित मरीजों को सूखी खांसी भी हो रही है। सूखी खांसी भी रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित कर रही है। सूखी खासी होने की स्थिति में डाॅक्टर की सलाह अवश्य लें। इसके गंभीर होने पर पसलियों और छाती की गुहाओं के पास मांसपेशियों के टूटने का खतरा हो सकता है। कोविड-19 से संक्रमित कई मरीजों में निमोनिया होने के मामले भी मिल रहे हैं। ऐसी स्थिति बहुत ही गंभीर होती है। इससे छाती में फ्लूड बढ़ने लगता है। इसके मरीज को रात में ज्यादा दिक्कत होती है। कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों में फेफड़ों से जुड़ी समस्या ज्यादा हो रही हैं। इसी के चलते इस बार डॉक्टर चेस्ट एक्स-रे या सीटी स्कैन करवाने की सलाह ज्यादा दे रहे हैं ताकि फेफड़ों में इंफेक्शन के लेवल का पता करके सही इलाज दिया जा सके। इस दौरान सीटी स्केैन डाॅक्टर के सलाह पर करायें। ऐसे मरीज जो पहले से ही कार्डिएक डिसीज या कोरोनरी आर्टरी डिसीज से जूझ रहे हैं उन्हें अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। कोरोना संक्रमण किसी भी पुरानी बीमारी बढ़ा सकता है। मायोकार्डाइटिस, माएल्जिया समेत कई समस्याओं का कारण बन सकता है।

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कोरोना का वायरस शरीर के हिस्सों पर बुरा असर डाल है। इसके कारण ब्लड इंफेक्शन भी हो सकता है क्योंकि कोविड-19 शरीर में रक्त प्रवाह के जरिए ही फैलता है। खून में गाढ़ापन भी देखा जा रहा है। इसके कारण पल्मोनरी एम्बोलिज्म हो सकता है यानि कि ब्लड क्लॉट टूटकर फेफड़ों में फैल जाता है। इससे मरीज को सीने में दर्द होता है और फेफड़ों में रक्त संचार में समस्या पैदा हो जाती है।

ज्यादातर कोरोना संक्रमितों को बुखार होता है। सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ के साथ यदि बुखार भी हो तो संक्रमण का मजबूत संकेत है। एक शोध में बताया जा रहा है तकरीबन 40 प्रतिशत कोरोना संक्रमित मरीजों ने सांस में तकलीफ होने की बात कही है। ऐसे में यदि मरीज का ऑक्सीजन लेवल 94 से नीचे गिर जाए तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए। जरूरत पड़ने पर तत्काल ऑक्सीजन सपोर्ट लेने के लिए तैयार रहना चाहिए।