नए साल 2023 की शुरुआत 1 जनवरी से हो चुकी है. लेकिन हिंदू कैलेंडर (Hindu Calendar ) विक्रम संवत के अनुसार इस बार विक्रम सवंत 2080 का साल होगा, जोकि 12 नहीं बल्कि 13 महीने का होगा. इसके अनुसार 2023 में अधिक मास होगा. अधिक मास को मलमास (Malamas ) या फिर पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं.
ज्योतिष की मानें तो, 2023 में अधिक मास लगने के कारण व्रत-त्योहारों की तिथि में भी परिवर्तन होगा. इस साल मकर संक्रांति से पहले ही सकट चौथ पड़ रही है. सावन के 4 नहीं बल्कि 8 सोमवार होंगे और चातुर्मास 5 महीने का होगा. बताया जा रहा है कि इससे पहले ऐसा संयोग 2004 में बना था. 19 साल बाद 2023 में ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है. जानते हैं मलमास के कारण व्रत-त्योहार की तिथियों में हुए परिवर्तन के बारे में विस्तार से.
कैसे होती है मलमास की गणना
मलमास या अधिकमास के कारण साल 2023 में पर्व-त्योहारों की तिथियों में परिवर्तन हुआ है. लेकिन सबसे पहले यह जानने की जरूरत है कि आखिर मलमास की गणना कैसे की जाती है. दरअसल पंचांग के आधार पर हर तीसरे साल में एक महीना अधिक होता है, जिसे कि मलमास कहा जाता है.
एक सौर वर्ष 365 दिन और 6 घंटे का होता है और चंद्र वर्ष 354 दिनों का होता है. ऐसे में सौर वर्ष और चंद्र वर्ष के बीच के अंतर को बराबर करने के लिए ही हर तीसरे साल में एक चंद्र मास को जोड़ा जाता है. इसे ही मलमास कहते हैं. हिंदू धर्म में मलमास के समय शुभ-मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. बता दें कि साल 2023 में मलमास 18 जुलाई 2023 से शुरू हो रहा है.
मलमास 2023 के कारण कई व्रत-त्योहारों की तिथियों में परिवर्तन
मकर संक्रांति से पहले सकट चौथ:
हर साल मकर संक्रांति के बाद सकट चौथ व्रत आता है. लेकिन 2023 में 10 जनवरी को सकट चौथ का व्रत रखा जाएगा और 15 जनवरी को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का त्योहार मनाया जाएगा.
5 महीने का होगा चातुर्मास:
साल 2023 में चातुर्मास 5 महीने का होगा. जोकि आमतौर पर चार महीने का होता है. चातुर्मास में भगवान विष्णु पूरे चार माह के लिए योग निद्रा में होते हैं. लेकिन इस साल भगवान विष्णु 5 महीने तक योगनिद्रा में रहेंगे और इस दौरान गृह प्रवेश, मुंडन,विवाह, जनेऊ संस्कार आदि जैसे शुभ-मांगलिक कार्य नहीं होंगे.
सावन सोमवार के व्रत होंगे 8:
सावन महीने में आमतौर पर 4 या 5 सोमवार पड़ते हैं. लेकिन 2023 में 8 सावन सोमवार के व्रत रखे जाएंगे. क्योंकि पंचांग के अनुसार सावन कृष्णपक्ष 4 -17 जुलाई तक है और इसके बाद 18 जुलाई से इसे लागू किया जाएगा. वहीं 16 अगस्त को मलमास की अमावस्या होगी. इस दिन अधिक मास का समापन होगा. इसके बाद सावन का शुक्ल पक्ष शुरू हो जाएगा, जोकि 30 अगस्त को सावन पूर्णिमा के दिन समाप्त होगा. इस तरह से सावन माह में अधिकमास होने के कारण 8 सोमवार पड़ेंगे.
रक्षाबंधन की तिथि में भी परिवर्तन:
2023 में सावन दो महीने यानी 60 दिन का होने के कारण रक्षाबंधन की तिथि में भी परिवर्तन होगा. इस साल रक्षाबंधन अगस्त माह के आखिरी सप्ताह में होगा, जोकि 30 अगस्त को है. वहीं आमतौर पर रक्षाबंधन 10-15 अगस्त के बीच होती है.
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