रिर्पोट :- गौरव सिंघल, वरिष्ठ संवाददाता, दैनिक संवाद,सहारनपुर मंडल।
सहारनपुर। योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण ने भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन को देश व उसकी कला संस्कृति के लिए बड़ी क्षति बताते हुए कहा कि ऐसी विभूतियां युगों के बाद जन्म लेती हैं। उन्होंने कहा कि लता जी के निधन से हुए नुकसान की भरपाई कठिन है ! उन्होंने लगभग शताब्दी को जिया, सार्थक किया, आनंद लिया आनंद छलकाया, मानवीय संवेदनाओं को, देश प्रेम को, ईश्वरीय प्रेम को भरपूर ध्यानस्थ होकर गाया और अपनी स्वर लहरियों से भारत माता का गौरव दुनिया में बढ़ाया।
स्वरसाम्राज्ञी भारतरत्न लता मंगेशकर ने साधना से सिद्धि तक का सफर पूरा किया। योग गुरु ने कहा कि योग में कुंडलिनी जागरण के लक्षणों की कसौटी पर लता जी खरी उतरती हैं क्योंकि ऐसी दिव्य प्रतिभाएं जो मानवता के सम्मुख मिसाल हैं, यूं ही नहीं जन्म लेती। मां सरस्वती के जन्मदिन बसंत पंचमी को जब उन्हें अंतिम उपचार लिए लाया गया, तभी मुझे भीतर कहीं लग गया था कि इस स्वर की देवी ने अपने मूल रूप में लय होने के लिए कदाचित यह सटीक दिन चुना है।