लेखक :- सुरेंद्र सिंघल, राजनीतिक विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार.
सहारनपुर। अपनी अद्भुत काष्ट कला के लिए विश्व विख्यात सहारनपुर महानगर सीट पर इस बार विधान सभा का अत्यंत रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है। हालांकि समाजवादी पार्टी ने प्रदेश सपा व्यापार सभा के अध्यक्ष और तीन बार के विधायक संजय गर्ग को मैदान में उतारा है। उन्हें अखिलेश यादव का विश्वासपात्र भी माना जाता है और वह समाजवादी पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश का वैश्य बिरादरी का प्रमुख चेहरा भी हैं। लेकिन पंजाबी बहुल सहारनपुर सीट पर भाजपा ने अपने अत्यंत लोकप्रिय और सक्रिय नेता राजीव गुंबर को फिर से उम्मीदवार बनाया है।
उनके और संजय गर्ग के बीच दो मुकाबले हो चुके हैं और यह तीसरा मुकाबला है। संजय गर्ग ने राजीव गुंबर को पिछले विधान सभा चुनावों में कड़े मुकाबले में करीब छह हजार मतों के अंतर से पराजित किया था। जबकि उससे पूर्व नगर सीट के लिए ही हुए उपचुनाव में राजीव गुंबर ने संजय गर्ग को पराजित कर दिया था। सहारनपुर नगर सीट पर यूं तो मुस्लिम मतदाता सबसे ज्यादा हैं। 4 लाख 42 हजार मतदाताओं में से करीब एक लाख 40 हजार मुस्लिम मतदाता हैं। उसके बाद करीब एक लाख पंजाबी मतदाता हैं और पचास हजार बनिया मतदाता हैं। कांग्रेस पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने पंजाबी उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। कांग्रेस की ओर से सुखविंदर कौर और बसपा की ओर युवा मनीष अरोड़ा उम्मीदवार हैं। सुखविंदर कौर के पति कांग्रेस के नगर पार्षद भी हैं। इस सीट पर कुल 12 उम्मीदवार हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला संजय गर्ग और राजीव गुंबर के बीच ही है। भाजपा इस बार राजीव गुंबर को बदलने के मूड में थी।
दिनेश सेठी, अमित गगनेजा और पूर्व सांसद एवं पूर्व विधायक राघव लखनपाल शर्मा की मजबूत दावेदारी को दरकिनार कर भाजपा ने अपने सक्रिय कार्यकत्र्ता राजीव गुंबर पर ही दांव खेला है। भाजपा को गुटबाजी और भीतरघात का खतरा भी बना हुआ है। समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार संजय गर्ग 1991 से लगातार इस सीट से विधान सभा चुनाव लड़ते आ रहे हैं। वह तीन बार चुनाव जीते, चार बार हारे। एक ही बार तीसरे नंबर पर रहे। संजय गर्ग को एक लाख 40 हजार मुस्लिम मतदाताओं का एकमुश्त समर्थन प्राप्त है। महाराज सिंह डिग्री कालेज के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर योगेश गुप्ता कई शिक्षण संस्थाओं के संचालक एवं प्रबंधक और वैश्य बिरादरी के बड़े नेता हैं। उनका कहना है कि संजय गर्ग को हर चुनाव में ही 40-50 फीसद अपनी वैश्य बिरादरी का मत मिलता रहा है। इस बार स्थिति में और सुधार दिख रहा है और 60 फीसद तक वैश्य बिरादरी उनका समर्थन कर सकती है। उनका दावा है कि इस बार संजय गर्ग 20 हजार मतों के अंतर से चुनाव जीत सकते हैं। जैन डिग्री कालेज की अंग्रेजी विषय की विभागाध्यक्षा डा. ममता सिंघल कहती हैं कि बनिया बिरादरी बिरादरीवाद से ऊपर उठकर भाजपा को मतदान करती है। संजय गर्ग उनके करीबी रिश्तेदार हैं। अच्छा होता वे भाजपा से चुनाव लड़ते। हाल ही में सपा में आए बड़े जनाधार वाले मुस्लिम नेता इमरान मसूद संजय गर्ग के साथ खड़े हैं। जिनका दावा है कि यहां के मुसलमान उन्हें चौथी बार भी विधान सभा में भेजने का काम करेंगे।