संघ प्रमुख मोहन भागवत बुधवार को उत्तर प्रदेश में भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट पहुंचा. यहां वह हिंदू एकता महाकुंभ में शामिल हुए. यहां रेलवे स्टेशन पर कड़ी सुरक्षा में बीजेपी पदाधिकारियों के साथ जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उनकी अगवानी की. संघ प्रमुख ने यहां कहा कि अगर पूरे समाज को एक करना है तो अहंकार को भूलकर और स्वार्थ छोड़कर अपनों के लिए काम करना होगा.
उन्होंने आगे कहा कि भगवान श्री राम ने खुद के लिए बनवास नहीं काटा. भगवान राम ने खुद के लिए राक्षसों से झगड़ा नहीं किया. उन्होंने पूरे समाज के लिए यह किया. हमें भी उनसे सीखते हुए अपने लिए नहीं, बल्कि अपनों के लिए काम करना होगा. नाना जी ने भी ऐसा किया था.
संघ प्रमुख ने दिलाया संकल्प
संघ प्रमुख ने यहां लोगों को संकल्प दिया. उन्होंने संतों समेत सभी को प्रतिज्ञा लेने को कहा. इस संकल्प में उन्होंने कहा, “मैं हिदु संस्कृति का धर्म योद्धा प्रभु राम की संकल्प स्थली पर सर्व शक्तिमान परमेश्वर को साक्षी मानकर संकल्प लेता हूँ कि मैं अपने पवित्र हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति एवं हिंदू समाज के संरक्षण, संवरधन और सुरक्षा के लिए आजीवन काम करुंगा. मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि किसी भी हिदु को हिदु धर्म से विमुक्त नहीं होने दूँगा. जो घर्म छोड़कर चले गए हैं उनकी भी घर वापसी के लिए काम करुंगा. मैं प्रतिज्ञा करता हूँ हिंदू बहनों की सुरक्षा सम्मान के लिए सब कुछ अर्पण करुंगा. मैं जाति, पंथ से ऊपर उठकर अपने समाज को समर्थ बनाने के लिए पूरी शक्ति से काम करुंगा.”
धर्मक्षेत्र की रक्षा बेहद जरूरी- चिन्ना जीयर स्वामी
हिंदू एकता महाकुंभ में चिन्ना जीयर स्वामी ने कहा कि हमें अपने धर्मक्षेत्र की रक्षा और उसका शोभामयी प्रदर्शन बेहद जरूरी है. हर हिंदू का यह कर्त्तव्य है. भारत भूमि का हर एक कण महत्वपूर्ण है. यहां का जल, भूमि, पेड़-पत्थर और सभी लोग महत्वपूर्ण है. हमें इसे एक रखना होगा. इसी से हमें दूसरों की मान्यता प्राप्त होगी. उन्होंने आगे कहा कि भगवान राम ने कभी भी अपनी संस्कृति नहीं थोपी. जब उन्होंने बालि और रावण को सत्ता से हटाया तो किसी अपने व्यक्ति को उस पर नहीं बैठाया. वहीं के लोगों को उन्होंने सत्ता सौंप दी और अपनी संस्कृति अपने हिसाब से संभालने को कही.