संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार नियम के अधीन सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है और उम्मीद है कि संसद में अच्छी चर्चा होगी। संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर रविवार को जोशी ओर से संसद भवन में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में इस बैठक में 31 दलों के नेता शामिल हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में शामिल नहीं हुए। वहीं, आम आदमी पार्टी ने बैठक का बीच में ही बहिष्कार कर दिया।
जोशी ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सभी दलों के नेताओं की ओर से काफी सुझाव आए हैं। हमने विपक्षी दलों से निवेदन किया है कि वह बिना व्यवधान के संसद चलने दें। प्रधानमंत्री के बैठक से अनुपस्थित रहने से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि सर्वदलीय में आने की परम्परा मोदी ने ही शुरू की, इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री ही आते थे, आज प्रधानमंत्री नहीं आ पाए।
राज्य सभा मे विपक्ष के नेता मल्लिकार्जन खड़गे ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य ( एमएसपी ) पर कानून बनाने और जो किसान मारे गए हैं उन्हें मुआवजे देने को लेकर बैठक में बात हुई है। उन्होंने कहा कि हम ये अपेक्षा कर रहे थे कि मोदी बैठक में आएंगे।
उधर आम आदमी पार्टी ने सर्वदलीय बैठक का बीच में ही बहिष्कार कर दिया। पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा “ सरकार किसी को बोलने और अपनी बात रखने नहीं देती। संसद के इसी सत्र में मैंने एमएसपी गारंटी कानून बनाने की मांग की। किसान कह रहे हैं कि विद्युत संशोधन विधेयक नहीं आना चाहिए लेकिन सरकार की ओर से इसे सूचीबद्ध किया गया है।”
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस ने बेरोज़गारी, महंगाई, पेट्रोल डीजल के दाम, सीमा सुरक्षा बल के अधिकार क्षेत्र और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून बनाने समेत 10 विषय उठाए ।
तृणमूल की ओर से उठाए गए अन्य मुद्दों में संघीय ढांचे को कमजोर किए जाने, लाभदायक सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश बंद होने, पेगासस जासूसी मामले, कोविड की स्थिति, महिला आरक्षण विधेयक जैसे विषय शामिल हैं।
इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,राज्य सभा में सदन के नेता पीयूष गोयल मौजूद रहे। विपक्षी दलों से कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी, बहुजन समाज पार्टी से सतीश चंद्र मिश्रा, तृणमूल से सुदीप बंदोपाध्याय, डेरेक ओ ब्रायन, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव ,आप आदमी पार्टी से संजय सिंह, द्रविड़ मुनेत्र कनगम से त्रिची सिवा और वाईएसआर कांग्रेस से विजय साई रेड्डी समेत कई नेता बैठक में उपस्थित रहे।
इसके अलावा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ( राजग) सरकार के सहयोगी दलों से लोक जनशक्ति पार्टी के पशुपति पारस, अपना दल से अनुप्रिया पटेल और आरपीआई के राम दास अठावले भी बैठक में शामिल हुए। शीतकालीन सत्र के लिए सरकार ने 26 विधेयकों सूचीबद्ध किया है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी पर और तीन कृषि कानूनों को वापस लेने वाला विधेयक भी शामिल है। भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) ने सरकार के समर्थन के लिए दोनों सदनों में अपने सदस्यों को उपस्थित रहने के लिए पहले ही व्हिप जारी कर दिया है। भाजपा संसदीय कार्य समिति भी आज एक अलग बैठक करेगी।
शीतकालीन सत्र से पहले राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी शाम को सदन में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है। बैठक के दौरान वह संसद सत्र के दौरान राज्यसभा में सुचारू काम-काज सुनिश्चित करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवम्बर से 23 दिसम्बर तक चलेगा।