हिमाचल प्रदेश के टशीगंग पोलिंग बूथ पर एक बार फिर शत प्रतिशत मतदान हुआ है, यह विश्व का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र है, पिछले लोकसभा और विधानसभा में भी यहां 100 प्रतिशत मतदान हुआ था. लाहौल स्पीति विधानसभा क्षेत्र का यह इलाका ठंडा रेगिस्तान भी कहा जाता है. समुद्र तल से इसकी ऊंचाई तकरीबन 15256 फीट है.शनिवार को यहां सभी 52 मतदाताओं ने वोट डालकर अपना रिकॉर्ड बरकरार रखा.
टशीगंग एशिया का ऐसा सबसे ऊंचा गांव है जो सड़क, बिजली, पानी व टेलीफोन की सुविधा से जुड़ा है. यहां पर वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान मतदान केंद्र स्थापित किया गया था. तब से यहां शत प्रतिशत वोटिंग हो रही है. इससे पहले इन सब सुविधाओं से लैस सबसे ऊंचा गांव हिक्किम था. 2017 से पहले टशीगंग के लोग हिक्किम में ही मतदान के लिए जाते थे. यह इलाका चीन से महज 10 किमी दूरी पर है, इसकी अधिकांश सीमा चीन के कब्जे वाले तिब्बत से जुड़ी है.
ऐसे आया चर्चा में
टशीगंग मतदान केंद्र बीते लोक सभा चुनाव में उस समय चर्चा में आया जब इसमें शतप्रतिशत मतदान हो गया. यही नहीं यह चर्चा उस समय पूरे देश व दुनिया में हो गई जब 30 अक्तूबर 2021 को यहां पर लोकसभा मंडी के उपचुनाव में वोट पड़े. 15 घरों व 65 की आबादी वाले गांव में उस समय महज 47 मतदाता थे जिनमें 29 पुरूष 18 महिलाएं थी. चूंकि एक ही गांव था और सभी मतदाताओं की पहचान का गिनती अंगुलियों पर की जा सकती थी ऐसे में चुनाव विभाग ने इस पर फोकस किया, बर्फबारी के बावजूद जब शून्य से भी नीचे तापमान यहां पर हो गया तो इसे दुल्हन की तरह सजाया , मतदाताओं के रेड कारपेट बिछाया, विशेष अधिकारियों की नियुक्ति की और सभी 47 मतदाताओं जिनमें 29 पुरूष व 18 महिलाएं थी, को यहां पर पहुंचाकर मतदान करवाने में कामयाबी हासिल की थी.
इसलिए कहते हैं ठंडा रेगिस्तान
मंडी लोकसभा क्षेत्र के जनजातीय हल्के लाहुल स्पीति में टशीगंग स्पीति घाटी पर स्थित है, इस इलाके को ठंडा रेगिस्तान कहा जाता है. यहां की जमीन रेतीली, भरभरी है. यहां पर अधिकांश समय तापमान बेहद कम रहता है, क्योंकि यह पूरा क्षेत्र समुद्रतल से 10 हजार फीट की उंचाई से शुरू होकर 17 हजार फीट की उंचाई तक है जहां साल में 6 महीने बर्फ ही रहती है. इन दिनों भी यहां पर बर्फबारी हो चुकी है. यहां के रेतीले पहाड़ बेहद खूबसूरत हैं व जमीन भी बेहद उपजाऊ काली मिट्टी वाली है.