रूस ने अपनी एक एंटी-सैटेलाइट मिसाइल का परीक्षण करने के लिए अंतरिक्ष में मौजूद अपनी ही सैटेलाइट को मार गिराया है. जिससे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को जान का खतरा हो गया. इन लोगों को अपने कैप्सूल में जाना पड़ा. साथ ही उस क्षेत्र में सैटेलाइट के खात्मे से कई टुकड़े उत्पन्न हो गए हैं (ISS Satellite Test). रूस की इस हरकत को पागलपन कहा जा रहा है. क्योंकि ये टुकड़े ना केवल अंतरिक्ष यात्रियों के लिए जान का जोखिम बढ़ाएंगे, बल्कि वहां भविष्य में होने वाले मिशनों को भी प्रभावित कर सकते हैं. हालांकि रूस ने इसे सुरक्षित बताया है.
पश्चिमी देशों ने मामले में रूस की खूब आलोचना की है. रूस ने अब इन्हीं आलोचनाओं का जवाब देते हुए एंटी-सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण को कोई ‘बड़ा खतरा’ नहीं बताया है. रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु (Sergei Shoigu) ने कहा है कि मिसाइल परीक्षण से उत्पन्न हुए टुकड़े ‘अंतरिक्ष की गतिविधियों के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करते हैं.’ अमेरिका, ब्रिटेन और नाटो का कहना है कि एंटी-सैटेलाइट मिसाइल के परीक्षण से पृथ्वी की निचली कक्षा में पैदा हुआ मलबा अंतरिक्ष यान की परिक्रमा के लिए खतरनाक है और यह वर्षों तक अंतरिक्ष की गतिविधियों के लिए खतरा पैदा करेगा.
1982 से निष्क्रिय थी सैटेलाइट
रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, एंटी-सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण ने 1982 से कक्षा में मौजूद रूसी सैटेलाइट ‘Tselina-D’ को नष्ट कर दिया है. शोइगु ने कहा कि इस परीक्षण में एक ऐसी प्रणाली का इस्तेमाल किया गया था, जो ‘सटीक रूप से’ अपने लक्ष्य पर मार करती है. रूस ने अंतरिक्ष में अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के पीछे का कारण अमेरिका के उस कदम को बताया है, जिसके तहत उसने साल 2020 में एक स्पेस फोर्स का गठन किया था. रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, ‘रूसी रक्षा मंत्रालय ने 15 नवंबर को सफलतापूर्वक एक परीक्षण किया है, जिसने निष्क्रिय रूसी अंतरिक्ष यान त्सेलिना-डी को मारा गिराया है, जो 1982 से पृथ्वी की कक्षा में मौजूद था.’
‘नए हथियार विकसित कर रहा रूस’
नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने इसे ‘लापरवाह’ और ‘चिंतित’ करने वाला कार्य बताया है. यूरोपीय संघ के रक्षा मंत्रियों के साथ एक बैठक में, स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि एंटी-सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण ‘यह दर्शाता है कि रूस अब नए हथियार सिस्टम विकसित कर रहा है, जो सैटेलाइट को मार सकते हैं.’ फ्रांस ने अंतरिक्ष में बढ़ते कचरे पर नाराजगी जताई है (Russia Anti Missile System). अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि मलबे से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सैटेलाइट और दूसरी गतिविधियों के लिए खतरा बना रहेगा. इस स्टेशन पर वर्तमान में सात अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं.